आचार्य नागार्जुन की जीवन कथा का आंरभिक विवरण चीनी भाषा में उपलब्ध है, जिसे क़रीब 405 ई. में प्रसिद्ध बौद्ध अनुवादक कुमारजीव ने उपलब्ध कराया। यह अन्य चीनी एवं तिब्बती वृत्तांत से सहमत हैं कि नागार्जुन दक्षिण भारत में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। ऐतिहासिक रूप से बचपन की… read_more
स्वामी विवेकानंद को हम सब जानते हैं। लेकिन क्या आपने 'श्री आलासिंगा पेरूमल' के बारे में सुना है?
शायद नहीं। पर आलासिंगा ना होते तो स्वामी विवेकानंद कभी शिकागो का वो ऐतिहासिक भाषण नहीं दे पाते, जिसकी बदौलत उन्होंने विश्वभर में वेदान्त व हिंदू धर्म का नाम रोशन किया।
बात… read_more
लाओ त्सु चीनी इतिहास में एक रहस्यमय व्यक्ति हैं, जो रहस्य और किंवदंतियों से घिरे हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि वह एक दार्शनिक, सलाहकार और शिक्षक थे और उनकी विरासत ज्ञान और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि में से एक है। उन्हें ताओवाद की दार्शनिक प्रणाली की स्थापना का श्रेय दिया… read_more
इन्होंने पिछड़े वर्ग व महिलाओं की शिक्षा के लिए काम किया, लेकिन अधिकतर लोग इन्हें भूल चुके हैं। इन्होंने आधुनिक भारत के सबसे बड़े शिक्षा आंदोलनों में से एक को, फलने-फूलने की ज़मीन दी, लेकिन आज लोगों को उनका नाम भी नहीं पता। इन्हें भारत की पहली मुस्लिम महिला अध्यापिका… read_more
22 अगस्त 1907 को जर्मनी में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इन्होंने भारत का झंडा फहराया था।
आज़ादी से 40 साल पहले, भारत का झंडा फहराने वाली वे पहली भारतीय बनी। अधिकतम समय उन्होंने भारत से बाहर ही बिताया लेकिन उन्हें आज भी 'भारतीय क्रांति की जननी' कहा जाता है।
हम… read_more
उन्होंने भारतीय स्त्रियों को दयनीय स्थिति से बाहर निकालने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर ले तो गरीबी, अभाव, व दुर्दशा की स्थिति पर विजय प्राप्त करके वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकता है।… read_more
21 साल की उम्र में लड़कियों के लिए पहला स्वदेशी स्कूल खोला। बाल विवाह, स्त्री शिक्षा का दमन, जातिवाद, विधवा पुनर्विवाह की वर्जना, शिशु-हत्या जैसी कुरीतिओं के विरुद्ध आजीवन काम किया।बाबासाहब अंबेडकर ने उन्हें अपना गुरु व बौद्धिक पिता कहा।
किसकी बात कर रहे हैं हम?
हम बात कर… read_more
मोहन: इतने दिनों से कहाँ था? दिखाई नहीं दिया?
सोहन: भाई! घूमने गया था। पास के हिल स्टेशन तक मस्त 4 लेन रोड बनी है!
मोहन: अच्छा, वही जो पहाड़ काटकर और पेड़ों को जलाकर बनी है?
सोहन: तुझे क़ानून नहीं पता? विकास के लिए जो पेड़ कटते हैं, उसकी… read_more
बात है 1895 की। एक भारतीय वैज्ञानिक ने अपना नया आविष्कार दिखाने के लिए कुछ दोस्तों को दावत पर बुलाया।
वे दिखाना चाहते थे कि कैसे रेडियो वेव्स दीवार को भी पार कर सकती हैं। उन्होंने एक प्रयोग करके दिखाया, जिसमें एक कमरे में घंटी बजाने से दूसरे कमरे में… read_more
🔥 "मेरा नाम 'आज़ाद' है, बाप का नाम 'स्वाधीनता' है और मेरा घर है 'जेल'” 🔥
भगत सिंह ने जब अपना घर छोड़ा, तो चिट्ठी के अंत में लिखा, "मेरी शादी की चिंता मत करना, मेरी दुल्हन आज़ादी है "।
एक ओर, जहाँ दुनिया को ये मुद्दा बड़ा गंभीर… read_more
पिछले वर्ष ईरान में 22 वर्षीया 'माशा अमीनी' की ईरानी पुलिस द्वारा हत्या हुई। पूरी दुनिया ने विरोध जताया। माशा ओमिनी का जुर्म क्या था? उसने हिजाब वैसे नहीं पहना था जैसा ईरानी सरकार का आदेश था।
इस बर्बर हत्या के बाद ईरान की सड़कों पर हज़ारों महिलाओं की… read_more
🔥 “मैं तुम्हें प्यार से लूटने आया हूँ” 🔥
देश को आज़ाद हुए 4 साल ही हुए थे, और 75% आबादी कृषि संबंधित कार्यों से जीवनयापन कर रही थी।
लेकिन एक बहुत विचित्र बात थी : कृषि क्षेत्र में काम कर रहे अधिकतर लोगों के पास अपनी ज़मीन ही… read_more
भगत सिंह कहते थे "बहरे कानों तक अपनी आवाज़ पहुँचाने के लिए अक्सर धमाकों की ज़रूरत पड़ती है। "
लेकिन उनको कहाँ पता था कि लोगों की स्मृति इतनी कमज़ोर है कि उनके जाने के बाद वे सिर्फ़ उनका 'धमाका' ही याद रखेंगे। और उनको भूल जाएँगे, उनके… read_more
"मुझे आश्चर्य होता है ये देखकर कि कैसे भगवान ने चार करोड़ बंगालियों को बनाते हुए, एक आदमी को भी जन्म दिया।"
जिस 'आदमी' की बात यहाँ गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर कर रहे हैं, उनके लिए एक बार गांधी जी ने कहा था,
"विद्यासागर की उपाधि उन्हें उनके ज्ञान के लिए … read_more
ISRO की हर उपलब्धि पर सभी देशवासी ख़ुशी से झूम उठते हैं। लेकिन बधाइयों के सैलाब में, और ढोल-नगाड़ों के बीच, आपने ध्यान दिया?
सारे परीक्षण जिस जगह पर होते हैं, उसे कहते हैं "सतीश धवन स्पेस सेंटर "।
ये 'सतीश धवन' जी कौन हैं? उनका क्या योगदान होगा… read_more