हिन्दू धर्म में जातिवाद का ज़िम्मेवार कौन? || (2021)
का जाति:।
जातिरिति च।
न चर्मणो न रक्तस्य न मांसस्य न चास्थिनः।
न जातिरात्मनो जातिर्व्यवहारप्रकल्पिता॥१०॥
शरीर (त्वचा, रक्त, हड्डी आदि) की कोई जाति नहीं होती। आत्मा की भी कोई जाति नहीं होती। जाति तो व्यवहार में प्रयुक्त कल्पना मात्र है।
~ निरालंब उपनिषद (श्लोक क्रमांक १०)
आचार्य प्रशांत: आज जो… read_more