ऐसे मेडिटेशन से बचना || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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ऐसे मेडिटेशन से बचना || नीम लड्डू

ये मेडिटेशन चीज़ क्या है? मैं बताता हूँ यह चीज़ क्या है, यह फ़र्ज़ी चीज़ है, यह फ़रेब है, यह आत्म-प्रवंचना है, ख़ुद को धोखा है। यह जीवन के आमूलचूल बदलाव का तरीका नहीं है, यह कुछ समय का आध्यात्मिक मनोरंजन है। यह आपको आपकी गंदी दिनचर्या के तनाव से अल्पकालीन राहत देने का सस्ता उपाय है।

एक मिले यही ‘मेडिटेशन * ’ वाले, मैंने पूछा, “क्या करते हो?” बोले, “वो कमरे में बंद कर देते हैं, अँधेरा कर देते हैं और * रिकॉर्ड चालू कर देते हैं, कहते हैं ‘सुनो’। और उसमें झींगुरों की आवाज़ें आती हैं, बोलते हैं, ‘यह अनहद है और यही परम ध्यान है, सुनो’।“ तुमने उपनिषद् का ‘उ’ पढ़ लिया होता तो भी बच जाते फ़रेब की इस दूकान से।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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