सब पुरुषों के लिए निश्चित होना चाहिए कि स्त्रियों के ब्यूटी पार्लर में कम-से-कम तीन महीने काम करें। यह व्यवस्था बननी चाहिए। जाकर देखो तो कि जिस रूप-यौवन के पीछे तुम इतने पागल रहते हो उसकी हकीक़त क्या है। जितने फल और सब्जियाँ रसोई में नहीं पाए जाते उससे ज़्यादा मुँह पर मले जा रहे हैं। दुनिया भर के रसायन देह पर घिसे जा रहे हैं।
भवें नोची जा रही हैं, बाल नोचे जा रहे हैं, बाल रंगे जा रहे हैं, मोम रगड़ा जा रहा है। और चीख-पुकार भी मची हुई है, ‘हाय-हाय हाय-हाय!’ आँसू भी निकल रहे हैं, पर यह कार्यक्रम होना ज़रूरी है ताकि देह आकर्षक प्रतीत हो सके। जिसने इस व्यापार को देख लिया, मुझे बताओ अब वो देह को कीमत कैसे देगा?