इनका साथ कभी मत छोड़ो || नीम लड्डू

Acharya Prashant

1 min
55 reads
इनका साथ कभी मत छोड़ो || नीम लड्डू

जो लोग दस दरवाज़ों पर खटखटा रहे होते हैं न उन बेचारों की त्रासदी यही होती है, वह ऐसे होते हैं जैसे कि कोई दस जगह गड्ढा खोदे।

यह ग्रंथों का अपमान है कि उनको एक बार पढ़ कर के किनारे रख दो। “मैंने गीता पढ़ ली!” कि, “मैंने बाइबल पढ़ ली, क़ुरआन पढ़ ली”, जो भी आप का चुनिंदा ग्रंथ है। ये कभी ख़त्म नहीं होते, इनमें लगातार जाते रहना होता है। आर्षवचन कभी चुक नहीं जाते, वह देते ही रहेंगे तुमको, देते ही रहेंगे, देते ही रहेंगे। तुम उन्हें लाँघ करके कभी आगे नहीं बढ़ सकते। इसलिए उनकी संगति करी जाती है, उनको सीढ़ी की तरह नहीं इस्तेमाल किया जाता।

GET UPDATES
Receive handpicked articles, quotes and videos of Acharya Prashant regularly.
OR
Subscribe
View All Articles