आपके साथी का असली चेहरा || नीम लड्डू

Acharya Prashant

1 min
69 reads
आपके साथी का असली चेहरा || नीम लड्डू

आपका साथी कैसा है, वो आपको नहीं पता चलेगा जब तक वह आपके साथ है। उसको जानना चाहते हैं तो उस दिन जानिएगा जिस दिन वह आपको छोड़ता है। फिर देखिएगा उसका चेहरा!

जब किसी का आपसे कोई स्वार्थ ना बचे और फिर भी वह आप के प्रति सद्भावना रखे, तब यह मानिएगा कि वह अच्छा इंसान है। आमतौर पर जब आपका किसी से स्वार्थ टूटता है तब आपको उसका राक्षसी चेहरा दिखाई देता है। वह राक्षसी चेहरा यकायक नहीं आ गया, वह राक्षस हमेशा से था, पर आपको अपने स्वार्थ और अपनी बेहोशी के कारण कभी दिखाई नहीं दिया। और अब जब उसने अपना नक़ाब उतारा है और अपना चेहरा दिखाया है, तो आप बिलबिलाने लगते हैं। कहते हैं “अरे दइया! यह तो बदल गया!” बदल नहीं गया वो यही था।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
Comments
Categories