कपड़े नहीं पहने तो बोल्ड हो? || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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कपड़े नहीं पहने तो बोल्ड हो? || नीम लड्डू

अकसर जो नंगा होता जाता है उसको हम लिख देते हैं, “ये तो बोल्ड (निर्भीक) कपड़ों में आया है।“ उसमें बोल्डनेस (निर्भीकता) क्या है? फिर तो सबसे बोल्ड जानवर हुए। एक गधा तो बोल्डनेस की प्रतिमूर्ति हो गया, उसे बोल्डनेस का नोबेल प्राइज़ मिलना चाहिए, उसने ज़िन्दगी में कोई कपड़ा कभी नहीं पहना।

यह सब जो मॉडल्स और एक्ट्रेसस कहती हैं, “हम बहुत बोल्ड हैं क्योंकि हमने बिकनी पहन रखी है”, एक गधी को ले आओ उसने तो कुछ भी नहीं पहन रखा, वो तो सुपर बोल्ड हो गई! हाइपर बोल्ड हो गई! क्लीन बोल्ड हो गई है!

आप बोल्ड नहीं हो, आप बहुत डरे हुए हो। यहाँ तो तुम फ़ोटो भी खिंचाते हो तो उसको भी सौ बार देखते हो लग कैसी रही है। डरे हुए नहीं हो क्या, यह डर ही तो है कि, “कहीं मेरी थोड़ी आढ़ी-तिरछी फ़ोटो न चली जाए”, यह डर नहीं है?

बोल्डनेस का असली मतलब समझो। जो ज़िंदगी को समझ सके, जो करने लायक हो वही करने की हिम्मत दिखाए भले ही उसमें कितना नुकसान होता हो, सिर्फ़ वो बोल्ड है, कपड़े उतार देने से बोल्ड नहीं हो जाते।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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