संशय, प्रमाद और आलस क्यों हावी होते हैं? || आचार्य प्रशांत, पतंजलि योगसूत्र पर (2019)
व्याधिस्त्यानसंशयप्रमादालस्याविरतिभ्रान्तिदर्शनालब्धभूमिकत्वानवस्थितत्वानि चित्तविक्षेपास्तेऽन्तरायाः॥१.३०॥
व्याधि, सत्यान, संशय, प्रमाद, आलस्य, अविरति, भ्रान्ति दर्शन, अलब्ध, भूमिकत्व, अनवास्थितत्व, ये नौ जो कि चित्त के विक्षेप हैं। वे ही विघ्न हैं।
~ समाधि पाद, पतंजलि योग सूत्र
प्रश्न: आचार्य जी, नमन। संशय, प्रमाद, और आलस्य में क्या सम्बन्ध है? मैं हमेशा संशय में रहता हूँ। मुझे,… read_more