श्रेष्ठ जनों ने तो अपना सान्निध्य हमें देने में कोई चूक नहीं की, पर क्या हम सच्चे अर्थों में उनके निकट कभी जा पाए?जिन युगपुरुषों ने अपना जीवन हमें आज़ाद करने में बिताया, क्या हम सच में उनके संघर्ष की गहराई से परिचित हैं? जिनके उत्थान के लिए वे आजीवन लड़े,अक्सर उन्हीं से सबसे अधिक विरोध झेलना पड़ा।इस वीडियो श्रृंख्ला में आचार्य प्रशांत इन महापुरुषों के जीवन के उस संघर्ष से हम सबको परिचित करा रहे हैं, जो आम जनमानस तक आज तक नहीं पहुँच पाया है। आज भले ही हमने उन्हें महापुरुष कहकर सम्मानित किया है लेकिन जीवित रहते हुए उन्होंने केवल बाहरी ताकतों से ही नहीं, बल्कि सालों से हमारे अपने समाज द्वारा आत्मसात की गई रूढ़ियों/ग़ुलामी की वृत्ति से लड़ाई की ताकि हम गरिमापूर्ण जीवन की ओर अग्रसर हो सकें। जिनके लिए उनका पूरा संघर्ष था, उनसे विरोध के बावजूद वे अपने चुनाव से डिगे नहीं और हमारी स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्योछावर किया और हमें सच्चे अर्थपूर्ण जीवन के मायने भी बता दिए। यदि आप भी अपने जीवन अर्थपूर्ण बनाना चाहते हैं, तो यह वीडियो श्रृंख्ला आपके लिए है।
श्रेष्ठ जनों ने तो अपना सान्निध्य हमें देने में कोई चूक नहीं की, पर क्या हम सच्चे अर्थों में उनके निकट कभी जा पाए?जिन युगपुरुषों ने अपना जीवन हमें आज़ाद...