बोधिधर्म जब भारत से चीन गए, तो उनकी शिक्षाओं से प्रेरित हुई बौद्धधर्म की 'चान' (ध्यान) शाखा, जो समय के साथ जब जापान पहुँची तो जानी गई 'ज़ेन' के नाम से। अपनी इस पूरी यात्रा में इस दर्शनपध्दति का प्रारूप तो बदला पर इसकी धार और तीख़ी हो गई। ज़ेन गुरुओं के तरीके बड़े अनोखे हैं, यह इतने सरल व सहज हैं कि मनुष्य की मानिसक चालाकी को इनके आगे कोई ठौर नहीं मिलता। जानिए ज़ेन की तीखी धार को आचार्य प्रशांत के साथ ज़ेन बोध-कथाओं पर आधारित बोधशाला में।
बोधिधर्म जब भारत से चीन गए, तो उनकी शिक्षाओं से प्रेरित हुई बौद्धधर्म की 'चान' (ध्यान) शाखा, जो समय के साथ जब जापान पहुँची तो जानी गई 'ज़ेन' के नाम से।...