नमस्कार, शून्यता सप्तति वीडियो सीरीज़ आपका स्वागत है। इस सीरीज़ में हम आपको आचार्य नागार्जुन के शून्यता सप्तति नामक ग्रंथ से परिचित कराएंगे। आचार्य नागार्जुन शून्यवाद के समर्थक थे।
शून्यता सप्तति आचार्य नागार्जुन का रचित ग्रंथ है। उनका जन्म 150 CE में दक्षिण भारत में हुआ। वे रसायनविद्, खगोलशास्त्री और तंत्रविद्या के ज्ञाता थे। वेदान्त की बात जितनी स्पष्टता से महात्मा बुद्ध के दर्शन में उभरती है, उतनी कहीं और नहीं। बुद्ध की वाणी को सबसे स्पष्ट रूप से नागार्जुन जी के विचारों में देखा जा सकता है।
बुद्ध के जाने के बाद तमाम तरह की विकृत विषय धर्म में प्रवेश कर चुके थे। आचार्य नागर्जुन ही थे जिन्होंने बुद्ध की बात को लोगों के सामने रखा और जो बात बौद्ध सम्मत नहीं थी, उनका खंडन किया। इस ग्रंथ में आरंभ से लेकर अंत तक आचार्य नागार्जुन ने शून्यवाद सिद्धांत को समझाया है।
नमस्कार, शून्यता सप्तति वीडियो सीरीज़ आपका स्वागत है। इस सीरीज़ में हम आपको आचार्य नागार्जुन के शून्यता सप्तति नामक ग्रंथ से परिचित कराएंगे। आचार्य नागार्जुन...