नमस्कार, ताओ ते चिंग वीडियो सीरीज़ आपका स्वागत है। इस सीरीज़ में हम आपको लाओत्सु के ताओ ते चिंग नामक ग्रंथ से परिचित कराएंगे। लाओत्सु ताओवाद के समर्थक थे।
लाओत्सु चीनी दार्शनिक थे जो 600 BC के आसपास जीवित थे। वह साधारण व्यक्ति के रूप में एक राजा के दरबार में एकाउंटेंट (अभिलेखागार) का काम करते थे। नौकरी छोड़ने के बाद, वह अपने भैंसे पर बैठकर तिब्बत की ओर चले गए और चलते-चलते अपने शिष्यों को ज्ञान दिया।
उनकी शिष्यों को समझाई हुई बात का ही संकलन है ताओ ते चिंग।
ताओवाद कोई आयोजित धर्म नहीं है, बल्कि यह एक जीवन-पद्धति है। सीधे सीधे कहें तो ताओवाद भी कहता है कि, "यदि जीवन में शुभता लानी है तो प्रकृति को समझना होगा।" और यही बात आपको वेदांत में भी समझने को मिलती है। वो कहते हैं न ज्ञानी का नाम रूप रंग आकार बदल सकता है मगर ज्ञान तो शाश्वत है, सनातन है, सत्य है।
नमस्कार, ताओ ते चिंग वीडियो सीरीज़ आपका स्वागत है। इस सीरीज़ में हम आपको लाओत्सु के ताओ ते चिंग नामक ग्रंथ से परिचित कराएंगे। लाओत्सु ताओवाद के समर्थक...