content home
लॉगिन करें

कृष्ण जैसा होना पड़ेगा, कृष्ण से मिलने के लिए

Thumbnail
AP Name Logo
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 3 श्लोक 16–19 पर आधारित
पूरी श्रृंखला देखें
1 घंटा 51 मिनट
हिन्दी
विशिष्ठ वीडियोज़
पठन सामग्री
आजीवन वैधता
सहयोग राशि: ₹149 ₹500
एनरोल करें
कार्ट में जोड़ें
रजिस्टर कर चुके हैं?
लॉगिन करें
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें
वीडियो श्रृंखला को साझा करें
परिचय
लाभ
संरचना

मैं कौन हूँ अर्जुन? मैं निष्काम कर्म हूँ, और मुझे कुछ मत मान लेना। मेरे बारे में खूब कहानियाँ सुनो, उपेक्षा कर देना; मैं कुछ नहीं हूँ, मैं निष्कामकर्म हूँ। बाकी मेरे बारे में जो भी बातें होती हैं, व्यर्थ हैं। मैं वो हूँ, जो तुमसे कहता है कि जीवन की रणभूमि में भिड़ जाओ। जो तुम्हें लगातार बोलता रहे कि घुटने नहीं टेकने हैं। मोह के, माया के, अपनी आंतरिक दुर्बलताओं के विरुद्ध लगातार संघर्षरत रहना है; वो मैं हूँ। मैं वो हूँ, मेरे विषय में कोई और विचार कल्पना भ्रांति मत बनाना। समझ में आ रही है बात?

और फिर जैसे मैं हूँ, तुम्हें भी वैसे ही हो जाना है। तुम मेरी तरह अगर नहीं हो, तो कृष्ण कह रहे हैं 'तुम्हारा जन्म व्यर्थ गया।' मेरी तरह होने का क्या अर्थ है? जीवन को यज्ञ बना दो। बस ये बात पकड़ लीजिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आप जिस उत्तर की तलाश कर रहे हैं वह नहीं मिल रहा है? कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

कोई भी वीडियो श्रृंखला आचार्य प्रशांत के यूट्यूब वीडियो से कैसे अलग है?
क्या ये लाइव वीडियो हैं या इसमें पहले से रिकॉर्डेड वीडियो हैं?
वीडियो श्रृंखला के लिए सहयोग राशि क्यों रखी गयी है? यह निःशुल्क क्यों नहीं है?
सहयोग राशि से अधिक दान देने से मुझे क्या लाभ होगा?
वीडियो श्रृंखला की रजिस्ट्रेशन की प्रकिया के बाद मैं उसे कब तक देख सकता हूँ?
क्या वीडियो श्रृंखला के वीडियो को बार-बार देखने की सुविधा उपलब्ध है?
मुझे वीडियो श्रृंखला से बहुत लाभ हुआ, अब मैं संस्था की कैसे सहायता कर सकता हूँ?
130+ ईबुक्स ऍप में पढ़ें