content home
लॉगिन करें

मुझसे यह घोर कर्म क्यों करवा रहे हो केशव?

Thumbnail
AP Name Logo
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 3 श्लोक 1–10 पर आधारित
पूरी श्रृंखला देखें
1 घंटा 54 मिनट
हिन्दी
विशिष्ठ वीडियोज़
पठन सामग्री
आजीवन वैधता
सहयोग राशि: ₹149 ₹500
एनरोल करें
कार्ट में जोड़ें
रजिस्टर कर चुके हैं?
लॉगिन करें
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें
वीडियो श्रृंखला को साझा करें
परिचय
लाभ
संरचना

अर्जुन ने यहाँ जो ज्ञान बनाम कर्म का प्रश्न खड़ा कर दिया है इससे ज्ञान और कर्म के बीच में एक सेतु का निर्माण होता है जो अब कृष्ण करने जा रहे हैं। कृष्ण कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जो दर्शन के क्षेत्र में अनूठा है। कृष्ण अर्जुन को बताने जा रहे हैं कि मैं जो तुम्हें कर्म समझा रहा हूँ वो ज्ञान से अलग नहीं है। और ऐसा कर्म जिसकी पृष्ठ भूमि में ज्ञान न हो वो कर्म किसी काम का नहीं है। आत्मज्ञान से ही फलित होता है निष्काम कर्म। तो जब कर्मयोग की बात हो तो उससे सबसे पहले ये समझिए कि आशय है निष्काम कर्म।

पहली चीज़ कृष्ण स्पष्ट करते हैं कि कर्मयोग का अर्थ है निष्काम कर्मयोग और नहीं कुछ भी कर्मयोग होता। कोई भी उल्टा-पुल्टा औंधा कर्म पकड़ लेने को कर्मयोग नहीं कहते हैं।

आचार्य प्रशांत संग हम जानेंगे निष्काम कर्म की सही परिभाषा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आप जिस उत्तर की तलाश कर रहे हैं वह नहीं मिल रहा है? कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

कोई भी वीडियो श्रृंखला आचार्य प्रशांत के यूट्यूब वीडियो से कैसे अलग है?
क्या ये लाइव वीडियो हैं या इसमें पहले से रिकॉर्डेड वीडियो हैं?
वीडियो श्रृंखला के लिए सहयोग राशि क्यों रखी गयी है? यह निःशुल्क क्यों नहीं है?
सहयोग राशि से अधिक दान देने से मुझे क्या लाभ होगा?
वीडियो श्रृंखला की रजिस्ट्रेशन की प्रकिया के बाद मैं उसे कब तक देख सकता हूँ?
क्या वीडियो श्रृंखला के वीडियो को बार-बार देखने की सुविधा उपलब्ध है?
मुझे वीडियो श्रृंखला से बहुत लाभ हुआ, अब मैं संस्था की कैसे सहायता कर सकता हूँ?
130+ ईबुक्स ऍप में पढ़ें