आचार्य प्रशांत आपके बेहतर भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं
content home
लॉगिन करें

ज्ञान से कर्म को भस्म करिए और अकर्ता हो जाइए

Thumbnail
AP Name Logo
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 श्लोक 19–20 पर आधारित
पूरी श्रृंखला देखें
2 घंटे 51 मिनट
हिन्दी
विशिष्ठ वीडिओज़
पठन सामग्री
आजीवन वैधता
सहयोग राशि: ₹199 ₹500
एनरोल करें
कार्ट में जोड़ें
रजिस्टर कर चुके हैं?
लॉगिन करें
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें
वीडियो श्रृंखला को साझा करें
परिचय
लाभ
संरचना

पिछले श्लोक में हमने देखा कि श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्म में अकर्म को देखना और अकर्म में कर्म को देखना सिखा रहे हैं। श्री कृष्ण बता रहे हैं कि अगर तुम ऐसे देख पा रहे हो तो ही मुक्त हो। जो मुक्त है उसकी पहचान ये है कि वो करता कुछ नहीं है लेकिन साथ में कृष्ण ने ये जोड़ दिया है कि वो कर्म में विशेष रुप से प्रवृत्त रहता है। माने देखोगे तो लगेगा बहुत कुछ कर रहा है, विशेष रूप से बहुत कुछ करता रहता है। और जबकि न उसे कर्म चाहिए, न कर्मफल चाहिए, न आसक्ति है, तृप्ति उसकी नित्य है और वो निराश्रय है। आगे वो कुछ माँग नहीं रहा लेकिन उसके बाद भी वो कर्म में विशेष रूप से सक्रिय है।

इस बार कृष्ण 19वें श्लोक में बता रहे हैं कि पंडित कहलाने का अधिकारी कौन है? क्या ज्ञान से कर्म भस्म हो जाते हैं?

20 वें श्लोक में श्रीकृष्ण फिर से अर्जुन को समझाते हैं कि कर्म और उसके फल में आसक्ति छोड़कर सदा तृप्त रहकर निराश्रय होकर कर्म में विशेष रुप से प्रवृत्त होने पर भी कुछ नहीं करता। ये किसकी पहचान है? अकर्ता की। जो मुक्त है, उसकी पहचान है।

पर मुक्त आदमी क्यों कर्म में इतना विशेष रूप से सक्रिय पाया जाता है जानेंगे सभी प्रश्नों के उत्तर इस कोर्स में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आप जिस उत्तर की तलाश कर रहे हैं वह नहीं मिल रहा है? कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

कोई भी वीडियो श्रृंखला आचार्य प्रशांत के यूट्यूब वीडियो से कैसे अलग है?
क्या ये लाइव वीडियो हैं या इसमें पहले से रिकॉर्डेड वीडियो हैं?
वीडियो श्रृंखला के लिए सहयोग राशि क्यों रखी गयी है? यह निःशुल्क क्यों नहीं है?
सहयोग राशि से अधिक दान देने से मुझे क्या लाभ होगा?
वीडियो श्रृंखला की रजिस्ट्रेशन की प्रकिया के बाद मैं उसे कब तक देख सकता हूँ?
क्या वीडियो श्रृंखला के वीडियो को बार-बार देखने की सुविधा उपलब्ध है?
मुझे वीडियो श्रृंखला से बहुत लाभ हुआ, अब मैं संस्था की कैसे सहायता कर सकता हूँ?
130+ ईबुक्स ऍप में पढ़ें