आचार्य प्रशांत आपके बेहतर भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं
संस्था के मासिक काम के लिए
अप्रैल'24 माह के लिए संसाधनों की आवश्यकता
प्राप्त : ₹ 27,92,173
ज़रूरत : ₹ 1,00,00,000
(28%)
1381 लोगों ने सहयोग किया
2 दिन शेष
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IT विभाग

आपकी संस्था सैकड़ों वीडियो श्रृंखला, ईबुक्स व हार्डकॉपी आपके लिए लगातार लाती रही है।

किन दामों में?
कभी ₹11 या ₹21, तो कभी ₹51 या ₹99

और हम खुश हैं कि इतने कम दामों में आप तक हम बोधसामग्री ला पा रहे हैं! आखिरकार हमारा उद्देश्य भी तो यही है कि हर व्यक्ति को गीता, वेदान्त व संतों की सीख उपलब्ध हो।

पर एक परेशानी है…

सारी बोधसामग्री आप तक पहुँचाने के लिए एक बड़े IT तंत्र की आवश्यकता है। हमारे IT विभाग को बहुत संसाधनों की ज़रूरत है। और जब जायज़ ज़रूरतें भी पूरी न हो पाएँ तो आपकी संस्था की व्यवस्था चरमराने लगती है।

आप जानते हैं परसों क्या हुआ?

गीता सत्र से ठीक पहले संस्था का पूरा IT सिस्टम 1 घंटे के लिए ठप्प रहा! जो साथी गीता श्रृंखला से जुड़े हैं, वे जानते हैं। गीता सत्र में विलंब हुआ और संस्था की IT टीम पूरी रात काम करती रही।

वजह?

एक ऐसी समस्या जो होनी नहीं चाहिए थी। लेकिन सीमित संसाधनों के कारण, IT विभाग की जायज़ माँगें भी स्थगित करनी पड़तीं हैं। और कल उसी कमी के चलते पूरा तंत्र बंद पड़ गया।

मूल परेशानी यही है…

₹11, ₹21, ₹51, ₹99 - ऐसे दामों से हमने विश्व का उच्चतम ज्ञान आपके लिए आसान बना दिया है। लेकिन इतनी कम धनराशि से एक सुविकसित और मज़बूत IT तंत्र नहीं बन सकता।

हम जानते हैं आपकी संस्था की वेबसाइट व ऐप में अभी-भी बहुत सारी कमियाँ हैं। लेकिन IT टीम की 'to-do लिस्ट' इतनी बड़ी है कि उसको पूरा करने में अभी की परिस्थितियों में 2 से 3 साल लग जाएँगे! ऐसे में हम असहाय महसूस करते हैं।

आपसे जो योगदान आता है उसकी 80% से अधिक राशि तो प्रचार-कार्य में ही खर्च हो जाती है। और जैसे-जैसे आपका ये ऑनलाइन विश्वविद्यालय बढ़ रहा है इसके खर्चे भी बढ़ रहे हैं। उदाहरण: आप अच्छी तरह जानते हैं कि IT sector में अच्छे लोगों की सैलरी कैसी होती है। और हमें बहुत सारे अच्छे IT professionals चाहिए।

IT संबंधी काम एक पहाड़ की तरह हमारे सामने खड़ा है। मिशन की गति आपके हाथ में है।

शिक्षाओं का अनुवाद

सच बेचैन है, सच बोलना चाहता है
और आप की भाषा में बोलना चाहता है
पर एक मजबूरी है

Acharya Prashant Tamil
Acharya Prashant Telugu

ये संस्था के नए चैनल हैं। यदि आप तमिलभाषी या तेलुगुभाषी हैं तो आप साफ़ देख पाएँगे कि इन चैनल्स के वीडियोज़ में आवाज़ और आचार्य जी के होठों की गति एकदम बेमेल है। कही-कहीं तो सब हास्यास्पद सा लग रहा है।

लेकिन क्या करें! तमिलभाषी साथियों की माँग है कि आचार्य जी तमिल में बोलें। तो हमसे जो बन पड़ रहा है, कर रहे हैं।

सवाल उठता है कि इन चैनल्स में डबिंग और साउंड एडिटिंग इतनी स्तरहीन क्यों है? क्योंकि अच्छे कलाकार, अनुवादक और एडिटर वीडियो को हिन्दी से तमिल में डब करने का अपना जायज़ इंडस्ट्री रेट माँगते हैं। वो रेट कितना है? वो रेट है प्रति मिनट एक हज़ार रुपए का। चाहें तो पता कर लें।

हर महीने हम हिन्दी चैनल पर 1500 मिनट की नई बोधसामग्री डालते हैं। और कुल मिलाकर सिर्फ़ हिन्दी प्रमुख चैनल पर 3 लाख मिनट के वीडियो हैं। अगर ये सब हम अपने तमिल बंधुओं को तमिल में उपलब्ध कराएँ तो खर्च है 30 करोड़ रुपए का। और अगर सिर्फ़ तमिल भाषा में प्रतिमाह नए वीडियोज़ को भी डब कराएँ तो भी 15 लाख प्रतिमाह का खर्च है। कई भाषाओं में ये काम कराया जाए तो खर्चा कई गुना है।

आवश्यकता है कि प्रमुख भारतीय भाषाओं - बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ में इन वीडियोज़ को डब कराया जाए। होना तो ये चाहिए कि विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी ये डब हों। पर वहाँ रेट और गज़ब हैं।

तो आपकी माँग पर तमिल और तेलुगू चैनल हमने शुरू तो कर दिए हैं। पर ये काम हम कर रहे हैं AI के माध्यम से। AI सॉफ्टवेर की मदद से ये सब करने में प्रति मिनट 1000 रुपए की जगह 350 का खर्चा आता है। तो हमने सस्ते में निपटा लिया।

लेकिन सस्ते में निपटाने का अंजाम आपके सामने है। वीडियो विचित्र सा आया है। हमें झिझक लगी, बल्कि शर्म सी आई, पर हमने ये वीडियो पब्लिश कर ही दिया। अब ऐसे ही सस्ते स्तर की डबिंग के वीडियोज़ की क़तार लगने वाली है।

अच्छी डबिंग की प्रतीक्षा में ये काम टाला नहीं जा सकता। ये शब्द मानवता के इतिहास में मुखरित सर्वोच्च शब्दों में से हैं। इन्हें पूरे राष्ट्र और विश्व तक पहुँचाना ही होगा।

आपकी संस्था पहले ही प्रचार कार्य, नए कार्यालय व आपके लाभ के लिए सशक्त IT सिस्टम तैयार करने में अपने श्रम और संसाधन की आख़िरी बूँद तक झोंक चुकी है। लेकिन आगे जो कार्य ज़रूरी है उसको टाल भी नहीं सकते। आचार्य जी से सीखा है।

अब यदि आप आचार्य जी को अपनी भाषा में सुनना चाहते हैं, तो उसके लिए संसाधन भी आपको ही जुटाने होंगे। यदि आप चाहते हैं कि उनकी आवाज़ पूरे विश्व तक पहुँचे, तो अपनी चाहत का प्रमाण भी आपको ही देना होगा।

और अगर आपसे सहायता नहीं भी मिली, तो भी हम जो कर सकते हैं, वो तो करते ही रहेंगे 🙂

प्रचारकार्य के लिए

लगभग हम सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आचार्य जी से जुड़े हुए हैं। फाउंडेशन 40 से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है।

आचार्य जी के यूट्यूब चैनल में 25,000 से अधिक वीडियो हैं। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आचार्य जी की शिक्षाओं से संबंधित पोस्ट प्रसारित होते रहते हैं लेकिन फिर भी इसे आप तक पहुँचाने के लिए दैनिक प्रचार प्रसार की आवश्यकता पड़ती है।

फाउंडेशन केवल विज्ञापनों और प्रचार-प्रसार पर प्रतिदिन लगभग 3 लाख रुपए खर्च करता है। हमारा लक्ष्य है कि आचार्य जी की शिक्षाएँ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच सके।

आपका दिया हुआ आर्थिक योगदान सीधे तौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिशन से जोड़ने में मदद करेगा।

वीडियो-सृजन कार्य के लिए

आचार्य जी के यूट्यूब चैनल पर 25,000 से भी ज्यादा विडियोज हैं। पिछले 90 दिनों में इन वीडियो से लगभग 7 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं।

आचार्य जी की शिक्षाओं को यथासंभव सर्वोत्तम तरीके से आप तक पहुँचाने के लिए और वीडियो शूट करने के लिए, हमें अच्छे उपकरणों एवं उन्हें प्रकाशित करने के लिए एक वीडियो संपादन टीम की आवश्यकता होती है।

फाउंडेशन 25,000 से अधिक विडियोज के मौजूदा भंडार को सुरक्षित रखने के लिए और नए वीडियो प्रकाशित करने के लिए प्रति माह 10 लाख से अधिक खर्च करता है।

आपका दिया हुआ आर्थिक योगदान हमें इन कालातीत शिक्षाओं को यथासंभव सर्वोत्तम तरीके से सहेजने में और आपके पास लाने में मदद करेगा।

निशुल्क परामर्श विभाग के लिए

आचार्य जी से संपर्क करने के लिए हर महीने हजारों साधक पूछताछ फॉर्म भरते हैं।

फाउंडेशन के पास 70 से अधिक सलाहकारों की एक टीम है जो इन साधकों के प्रश्नों का उत्तर देती है और उन्हें आचार्य जी के करीब लाने में मदद करती है।

हम अभी भी संसाधनों की कमी के कारण फॉर्म भरने वाले प्रत्येक व्यक्ति से नहीं जुड़ पा रहे हैं।

आप सलाहकारों की इस टीम का विस्तार करने में सहायता के लिए आर्थिक योगदान कर सकते हैं।