अध्याय 4 ज्ञानयोग अब समाप्त हो चुका है। आगे इस कोर्स में जिज्ञासुओं ने बहुत सारे प्रश्न आचार्य जी के सामने रखे हैं। कुछ प्रश्न सीधे सीधे जीवन के मुद्दो से जुड़े हैं वहीं दूसरी ओर कुछ प्रश्न द्वैत अद्वैत के सिद्धांत को समझने में हमारी मदद करते हैं।
यहां जिज्ञासुओं ने प्रश्नों में पिछले अध्याय की कड़ी को जोड़ते हुए भी प्रश्न रखे हैं एव उन शब्दों का अर्थ भी पूछा है जो आम जनमानस में प्रचलित हैं मगर गीता में उनका गूढ़ अर्थ छुपा है।
यह कोर्स प्रश्नों के द्वारा आपके अध्यायों के अध्ययन की समझ को ऊंँचा ले जाएगा।
आप जिस उत्तर की तलाश कर रहे हैं वह नहीं मिल रहा है? कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।