साधारण धर्म और वास्तविक धर्म में अंतर क्या होता है? साधारण धर्म का लक्ष्य क्या होता है? कामनापूर्ति। और वेदान्त का लक्ष्य क्या है? मुक्ति। साधारण धर्म का लक्ष्य क्या है? सुख। और वेदान्त का लक्ष्य है मोक्ष।
कर्मकांड में तो सिर्फ़ कामनापूर्ति है। अगर कर्मकांड तुम्हें थोड़ा भी आकर्षक लगता है तो ज्ञान तुम्हारे पल्ले पड़ेगा ही नहीं। आप फिर भले ही ज्ञान में रुचि दिखा भी दो, ज्ञान आपको समझ में नहीं आएगा, आपमें टिकेगा नहीं। ज्ञान सिर्फ़ उसके लिए है जो पूर्ण मुक्ति चाहता हो। जो सुख चाहता हो, ज्ञान उसके लिए नहीं है। जिसने देख लिया हो कि सुख झूठ है, ढकोसला मात्र है, दिलासा मात्र है, दुःख की प्रतीक्षा मात्र है, दुःख की आशंका मात्र है, वो व्यक्ति फिर सुख की कामना करता नहीं है। और गीता की अगर हम सुनें तो सुख और सुख की कामना ही चित्त का सबसे बड़ा रोग है।
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