आचार्य प्रशांत आपके बेहतर भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं
content home
लॉगिन करें

श्रीकृष्ण को तो आपको सुनना पड़ेगा

Thumbnail
AP Name Logo
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 1–13 पर आधारित
पूरी श्रृंखला देखें
2 घंटे 33 मिनट
हिन्दी
विशिष्ठ वीडिओज़
पठन सामग्री
आजीवन वैधता
सहयोग राशि: ₹199 ₹500
एनरोल करें
कार्ट में जोड़ें
रजिस्टर कर चुके हैं?
लॉगिन करें
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें
वीडियो श्रृंखला को साझा करें
परिचय
लाभ
संरचना

पूरे पहले अध्याय में, ऐसे समझ लीजिए, जैसे आपने अर्जुन की बाण वर्षा देखी। और दूसरा अध्याय ऐसे शुरू होता है कि जैसे सौ सुनार की एक लोहार की। सौ बातें कह ली अर्जुन ने पहले अध्याय में: ये है, वो है, न जाने क्या-क्या। दूसरा अध्याय आरंभ होता है और कृष्ण का एक तीर। बात खत्म हो गई। ‘अर्जुन, तुम मोह ग्रस्त हो!’

वास्तव में सरल व्यक्ति के लिए जटिलता कहीं होती ही नहीं। जटिलता सिर्फ़ जटिल मन के लिए होती है। जो जितना जटिल है उसकी दुनिया उसके लिए उतनी ही जटिल रहेगी। आप आकर अपनी बड़ी लंबी-चौड़ी, उपन्यास सरीखी, कहानी सुना देते हैं। सुनने वाले के पास यदि साफ़ कान है तो वह जान जाता है कि इस पूरी कहानी का सार क्या है, लब्बोलुआब क्या है। और जो सार होता है उसमें कोई विशेषता नहीं होती। किसी को काम ने पकड़ रखा है, किसी को क्रोध ने, किसी को मोह ने, किसी को मद ने, किसी को भय ने, बस यही। क्योंकि इसके अलावा और कुछ होता ही नहीं है किसी भी व्यक्ति के जीवन में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आप जिस उत्तर की तलाश कर रहे हैं वह नहीं मिल रहा है? कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

कोई भी वीडियो श्रृंखला आचार्य प्रशांत के यूट्यूब वीडियो से कैसे अलग है?
क्या ये लाइव वीडियो हैं या इसमें पहले से रिकॉर्डेड वीडियो हैं?
वीडियो श्रृंखला के लिए सहयोग राशि क्यों रखी गयी है? यह निःशुल्क क्यों नहीं है?
सहयोग राशि से अधिक दान देने से मुझे क्या लाभ होगा?
वीडियो श्रृंखला की रजिस्ट्रेशन की प्रकिया के बाद मैं उसे कब तक देख सकता हूँ?
क्या वीडियो श्रृंखला के वीडियो को बार-बार देखने की सुविधा उपलब्ध है?
मुझे वीडियो श्रृंखला से बहुत लाभ हुआ, अब मैं संस्था की कैसे सहायता कर सकता हूँ?
130+ ईबुक्स ऍप में पढ़ें