कहीं न कहीं हम सब ने एक बात पकड़ ली है कि सच जीत नहीं सकता। वह जीत बस किस्से कहानियों में अच्छी लगती है। मगर जानने वालों ने समझाने की कोशिश की है कि राम भजा सो जीता जग में।
अगर आप कि जिंदगी में सच जीतता हुआ नहीं दिखता तो आप मान गए, आपने घुटने टेक दिए झूठ के सामने। तुम्हारी कोशिश बहुत कम थी, तुम्हारी बगावत में दम नहीं थी। आप इसलिए हारते हैं। झूठ सबसे ज्यादा घबराता है उनसे जो पूरी बगावत करते हैं। आप हारते हैं क्योंकि आप आधी अधूरी बगावत करते हैं।
कबीर साहब ने सीधे सीधे बोल दिया है राम भजा सो जीता जग में। अंधविश्वास नहीं जीतेगा, संस्कार नहीं जीतेंगे, कुरीति नहीं जीतेगी, लोकधर्म नहीं जीतेगा, सत्ता नहीं जीतेगी, जीतेंगे तो सिर्फ राम को ही भजने वाला। जिसका मन निष्कामता और हृदय प्रेम से संचालित है जीतेगा तो वह ही।
हमेशा यह याद रखिए कि राम अभी दूर हैं। किसी भी कीमत पर यह नहीं सोचना है कि सब ठीक है। निरंतर राम का स्मरण करना है।
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