आचार्य प्रशांत आपके बेहतर भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं
content home
लॉगिन करें

समता और ब्रह्म में स्थित हो और जगत को जीतो अर्जुन

Thumbnail
AP Name Logo
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 5 श्लोक 19 पर आधारित
पूरी श्रृंखला देखें
3 घंटे
हिन्दी
विशिष्ठ वीडिओज़
पठन सामग्री
आजीवन वैधता
सहयोग राशि: ₹199 ₹500
एनरोल करें
कार्ट में जोड़ें
रजिस्टर कर चुके हैं?
लॉगिन करें
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें
वीडियो श्रृंखला को साझा करें
परिचय
लाभ
संरचना

जगत हमें जैसा नचाता है हम वैसे ही नाचते हैं। बल्कि यह कह लीजिए कि जगत हमें नचाने नहीं आता, हम खुद बड़े आतुर होते हैं नाचने के लिए। कभी आप संसार में कुछ पा कर बड़ा महसूस करते हो, कभी आप संसार में कुछ खोकर छोटा महसूस करते हो।

समता में स्थापित होने का अर्थ है कि न छोटा हूंँ न बड़ा हूंँ, बस हूंँ। निश्चित ही हम कुछ पाते हैं और कुछ खोते हैं। निश्चित ही हम में सुख दुख दोनों होता है। लेकिन हम में नहीं होता है। जैसे यह मन की सामग्री है, लेकिन मन का आधार नहीं। जैसे विचार का विषय है। विचार का लक्ष्य नहीं।

पर समता में कैसे रहें जब जगत अभी मिथ्या तो हुआ नहीं और थपेड़े भी मार रहा है?

कैसे ब्रह्म में स्थित हों जब हम जगत को नहीं उल्टा जगत ही हमें जीते जा रहा है?

ऐसे कुछ प्रश्नों के उत्तर जानेंगे आचार्य प्रशांत संग इस सरल से कोर्स में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आप जिस उत्तर की तलाश कर रहे हैं वह नहीं मिल रहा है? कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

कोई भी वीडियो श्रृंखला आचार्य प्रशांत के यूट्यूब वीडियो से कैसे अलग है?
क्या ये लाइव वीडियो हैं या इसमें पहले से रिकॉर्डेड वीडियो हैं?
वीडियो श्रृंखला के लिए सहयोग राशि क्यों रखी गयी है? यह निःशुल्क क्यों नहीं है?
सहयोग राशि से अधिक दान देने से मुझे क्या लाभ होगा?
वीडियो श्रृंखला की रजिस्ट्रेशन की प्रकिया के बाद मैं उसे कब तक देख सकता हूँ?
क्या वीडियो श्रृंखला के वीडियो को बार-बार देखने की सुविधा उपलब्ध है?
मुझे वीडियो श्रृंखला से बहुत लाभ हुआ, अब मैं संस्था की कैसे सहायता कर सकता हूँ?
130+ ईबुक्स ऍप में पढ़ें