आचार्य प्रशांत आपके बेहतर भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं
लेख
जो कुछ लिखा तूने
Author Acharya Prashant
आचार्य प्रशांत
1 मिनट
142 बार पढ़ा गया

जो कुछ लिखा तूने, उसे मिट के मिटा

जो पास है तेरे, उसे खुद से बचा

जो बोया है तूने, उसे जड़ से हटा

जो बोया नहीं तूने, उसे अपना खून पिला

जो तेरी कमाई है, उसे आग दे लगा

जो कमाया नहीं तूने, उसे कभी न गँवा

जो याद में घूमे, उसपे धूल उड़ा

जो याद ना आए, उसमें जी के दिखा

जो आंखें भर आएँ, ज़रा हँस के दिखा

जो हँसाता हो तुझे, उसे मौन बता

जो कुछ समझा तूने, उसे भूल ही जा

जो समझ के बाहर है, उसे सर दे झुका

~ आचार्य प्रशांत (2018) [object Object]

क्या आपको आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं से लाभ हुआ है?
आपके योगदान से ही यह मिशन आगे बढ़ेगा।
योगदान दें
सभी लेख देखें