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लेख
गज़ब प्रेम, कमाल शादी! || नीम लड्डू
Author Acharya Prashant
आचार्य प्रशांत
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शादी का ही उत्सव ऐसा करा था जिसमें न-जाने कितना प्रदूषण फैला दिया। और प्रदूषण फैलाने को नहीं मिल रहा आजकल कोरोना के कारण, तो बड़े दिल टूट रहे हैं। कह रहे हैं, “सिर्फ़ पचास ही लोग आएँगे क्या? हमें वातावरण तबाह करने का मौका नहीं दोगे, प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ ! सब नाले गंदे कर रहे हैं, सब पहाड़ों पर जा करके पहाड़ों का बलात्कार कर रहे हैं। हम भी अपने विवाह में थोड़ा तो पहाड़ों की दुर्गति करेंगे न, प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़!” इन्होंने विवाह में सिल्क की शेरवानी पहनी थी, उन्होंने विवाह में सिल्क की बहुत महँगी-महँगी साड़ियाँ मंगवाई। शादी के लिए तुमने हज़ारों कीड़े उबलते हुए पानी में डलवा कर मारे ताकि तुम्हारी जो * फ़ोटो आए – और वो तुमने वो फ़ोटो लेने वाला नमूना हायर करा है और वो कूद रहा है ऐसे तो जब वो तुम पर लाइट मारेगा तो सिल्क रहेगा तो लाइट ज़्यादा पलटकर आएगी, आहाहा...! क्या चमकता है सिल्क और इस तरह की शादी के बाद तुम दोनों बोल रहे हो कि तुममें आपस में प्रेम है? सही में?

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