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लेख
बदला लेने का एक तरीका || नीम लड्डू
Author Acharya Prashant
आचार्य प्रशांत
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जिसने तुमको चोट पहुँचाई उसने तुमको इसीलिए चोट पहुँचाई न कि तुम्हें वो चोट पहुँचाए और तुम आंतरिक रुप से आहत हो जाओ? तो दुश्मन को तुम्हारा करारा-से-करारा जवाब क्या हो सकता है? उसके उद्देश्य को पूरा मत होने दो।

वह सोच रहा था कि वो तुमको गाली दे देगा और तुम तड़पोगे। तुम उस गाली का अपने-ऊपर असर ही मत होने दो। तो दया बदला लेने का बड़ा अच्छा तरीका है।

“तूने बड़ी ज़ोर लगाई, तूने बड़ी मेहनत की, तूने बड़ा खेल रचा कि मैं तड़पूँ, परेशान हो जाऊँ, दुखी हो जाऊँ। लेकिन मुझ पर तो कोई असर ही नहीं पड़ा। तेरी ये सारी मेहनत बेकार गई। नुकसान किसका हुआ? देख मैंने बदला ले लिया!”

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