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लेख
आदमी औरत को बुरी नज़र से क्यों देखता है? || नीम लड्डू
Author Acharya Prashant
आचार्य प्रशांत
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जिसके हाथ में ताक़त नहीं, वो बस उपभोग की वस्तु होगा। आदमी कहाँ से निकला है? जंगल से। और जंगल में प्रेम नहीं होता। जंगल में शिकारी होता है, और शिकार होता है। या जंगल में हीर-राँझा होता है? जो बाहुबल में ऊँचा हो वो क्या हो जाएगा? शिकारी। जो बाहुबल में नीचा है वो हो जाएगा? शिकार। तो आदमी-औरत भी अगर जंगल से ही निकल कर आए हैं, तो ज़ाहिर सी बात है कि आदमी के भीतर का जानवर औरत को कैसे देखेगा? शिकार की तरह ही देखेगा। इसमें दोष उस जंगल का है जहाँ से महिला और पुरुष दोनों निकल कर आए हैं। हमारे शरीर में वो जंगल घुसा हुआ है। इसलिए बार-बार कहता हूँ, लड़कियों के लिए, महिलाओं के लिए तो परम आवश्यक है कि उनके हाथ मज़बूत रहें। उन्हें विज्ञान की जानकारी हो, अर्थव्यवस्था की जानकारी हो, दुनिया में जो घटनाएँ चल रही हैं, जो हाल-चाल चल रहा है, उनका उनको पता हो। और उनका अपना बैंक का खाता हो, जिसमें उनके अपने निजी पैसे हों।

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