Acharya Prashant is dedicated to building a brighter future for you
content home
Login

घूँघट के पट खोल रे तुझे पिया मिलेंगे

Thumbnail
AP Name Logo
संतसरिता (कबीर साहब का भजन)
Watch Complete Series
3 घंटे 39 मिनट
हिन्दी
विशिष्ठ वीडिओज़
पठन सामग्री
आजीवन वैधता
Contribution: ₹199 ₹600
ENROL
ADD TO CART
Already Registered?
Login
Apply for Scholarship
Share this Video Series
परिचय
लाभ
संरचना

घूँघट के पट खोल रे तुझे पिया मिलेंगे

भजन की दो पंक्तियाँ आप पढ़ेंगे तो आप को लगेगा साधारण प्रेम गीत है। मगर यही खासियत है संतों की, वह ऊँचे से ऊँची बात आपको आपकी साधारण भाषा में समझा देते हैं। जिससे एक खतरा यह भी बन जाता है कि यह साधारण प्रेम गीत न समझ लिया जाए।

इस भजन में तो कबीर साहब ने सीधे सीधे बोल दिया है कि दिक्कत तो ढूंढने वाले के तरफ से है; दिक्कत उस प्रेमी में है जो ढूँढ नहीं पा रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि जब वह प्रेम भी करता है, प्रेमी भी है: तो ढूंढ क्यों नहीं पा रहा है? सोचिए?

क्योंकि प्रेमी ने ही बहुत शर्त लगा रखी है। उसके अपने नियम हैं, ढर्रे हैं; यही तो घूँघट है। घूँघट है हमारा होना। प्रेमी की ऊर्जा, कामना, ईर्ष्या, उसका ममत्व और भय उसको ही संरक्षित करने में निकल जा रहा है। प्रेमी तो वो है, बस उसकी जिद्द है कि उसको पिया चाहिए है लेकिन अपने अनुसार।

कबीर साहब ने भजन नहीं जैसे हमारी जिंदगी ही लिख दी हो। एक तरफ हमें प्रेम भी चाहिए दूसरी तरफ हम अपनी ज़िद और हरकतों से ऊपर भी नहीं उठ पा रहे।

आपको उठाने के लिए एक का नहीं, दो का नहीं, बल्कि तीन का ज़ोर लगेगा। कबीर साहब और आचार्य जी जोर लगाएंगे आपको ऊपर खीचने में। ध्यान आपको रखना है कि आप भी ऊपर उठने के लिए ही ज़ोर लगाएं। अपना ज़ोर नीचे जाने के लिए मत लगा लीजिएगा।

FAQs

Can’t find the answer you’re looking for? Reach out to our support team.

कोई भी वीडियो श्रृंखला आचार्य प्रशांत के यूट्यूब वीडियो से कैसे अलग है?
क्या ये लाइव वीडियो हैं या इसमें पहले से रिकॉर्डेड वीडियो हैं?
वीडियो श्रृंखला के लिए सहयोग राशि क्यों रखी गयी है? यह निःशुल्क क्यों नहीं है?
सहयोग राशि से अधिक दान देने से मुझे क्या लाभ होगा?
वीडियो श्रृंखला की रजिस्ट्रेशन की प्रकिया के बाद मैं उसे कब तक देख सकता हूँ?
क्या वीडियो श्रृंखला के वीडियो को बार-बार देखने की सुविधा उपलब्ध है?
मुझे वीडियो श्रृंखला से बहुत लाभ हुआ, अब मैं संस्था की कैसे सहायता कर सकता हूँ?
Read 130+ eBooks in App