विश्वभर में श्रीमद्भगवद्गीता को अध्यात्म का पर्याय माना जाता है। यहाँ तक कहा गया है कि जीवन से जुड़े हर प्रश्न का उत्तर इस ग्रंथ में समाहित है। वैसे तो यह ग्रंथ हज़ारों वर्ष पुराना है परन्तु आचार्य प्रशांत द्वारा की गई व्याख्या इसको आज की पीढ़ी के लिए अत्यंत सरल व प्रासंगिक बना देती है। श्रीमद्भगवद्गीता के प्रकाश में अपने जीवन को एक नई दिशा दीजिए आचार्य प्रशांत के साथ अध्याय 3 के श्लोक 30 से 33 से पर आधारित इस सरल कोर्स में।
Can’t find the answer you’re looking for? Reach out to our support team.