ख़ास पाठकों के लिए तीन पुस्तकों का कॉम्बो भारी छूट पर क्लाइमेट चेंज + गीता (Gita) भाष्य १ + गीता (Gita) भाष्य २ + [1 आचार्य प्रशांत कोट्स स्टिकर मुफ़्त] पढ़ें और जीवन को सही दिशा दें।
क्लाइमेट चेंज:
आज के समय में क्लाइमेट चेंज मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। अत्यधिक बढ़ता तापमान, बिगड़ता वर्षा चक्र, अनियमित हवाएँ व तूफान, विलुप्त होती प्रजातियाँ, पिघलते ग्लेशियरों के कारण बढ़ता समुद्र जलस्तर - ये सब क्लाइमेट चेंज के कुछ प्रभाव है।
हम सिक्स्थ मास एक्स्टिंक्शन फ़ेज़ (छठे महाप्रलय) में प्रवेश कर चुके हैं। प्रजातियों की विलुप्ति दर आज साधारण दर से बढ़कर हज़ार गुना हो गई है। हम त्वरित गति से अपने ही विनाश की ओर बढ़ रहे हैं और महत्वपूर्ण बात ये है कि इस विनाश का कारण भी हम खुद ही हैं।
इस पुस्तक के माध्यम से आचार्य जी ने समझाया है कि कैसे मन की बेचैनी और उसको मिटाने की अनंत अज्ञान भरी कोशिशों का ही परिणाम क्लाइमेट चेंज है। यह पुस्तक क्लाइमेट चेंज के अर्थ और खतरनाक प्रभावों के साथ उसके असल कारण को समझने और उस ज्ञान से उठे असली समाधान तक पहुँचने में किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत मददगार है।
श्रीमद्भगवद्गीता:
श्रीमद्भगवद्गीता कोई शाब्दिक चर्चा या सैद्धान्तिक ज्ञान मात्र नहीं, बल्कि रणक्षेत्र में खड़े एक योद्धा को सम्बोधित शब्द हैं। गीता का जन्म शान्त मनोरम वन या आश्रम में नहीं, रणक्षेत्र में हुआ है। अर्जुन जीवन से विरक्त शिष्य नहीं जो संसार त्यागकर कृष्ण के पास आए हों। अर्जुन के सामने एक तरफ़ धर्म है तो दूसरी तरफ़ सम्बन्धियों और गुरुजनों का मोह; बड़ा कठिन है निर्णय लेना कि अपनों पर बाण चलाएँ या नहीं। कृष्ण के समक्ष एक ऐसा हठी शिष्य है जो सुन तो रहा है, पर समझने को बहुत तत्पर नहीं। एक दृष्टि से देखें तो भगवद्गीता श्रीकृष्ण के अर्जुन के अज्ञान के प्रति संघर्ष की गाथा है।
हमारी भी स्थिति अर्जुन से अलग नहीं है; आम पाठक अर्जुन की स्थिति में अपनी छवि देख सकता है। यही बात हमारा एक विशिष्ट नाता जोड़ती है गीता से।
आचार्य प्रशांत का 'श्रीमद्भगवद्गीता भाष्य' गीता का विशुद्ध वेदांतसम्मत अर्थ आप तक ला रहा है। एक-एक श्लोक की व्याख्या में शुद्धता को ही केंद्रीय वरीयता दी गयी है।
प्रस्तुत पुस्तक में श्रीमद्भगवद्गीता के प्रथम चार अध्याय के मुख्य श्लोकों की विस्तृत व्याख्या संकलित है।