विकसित होना क्या है ?

Acharya Prashant

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विकसित होना क्या है ?

वक्ता : विकसित होना, इसका अर्थ होता है आत्मनिर्भर होना। अपनी निजता को पाना।

विकास का मतलब है निजता। और जिसने अपनी निजता को ही बेच रखा है, वो विकसित कैसे हो जायेगा?विकास का तो अर्थ ही यही है कि मैं ये सौदा नहीं करूँगा। इसी सौदे के न होने का नाम है, विकसित होना।समझ रहे हो? विकसित होने का अर्थ है अपनी निजता को पा लेना, अपने आप को पा लेना। इसका अर्थ हीयही होता है कि अब मेरे पास अपनी नज़र है दुनिया को देखने के लिए, अपने पाँव हैं खड़े होने के लिए, औरअपनी चेतना है समझने के लिए।

विकसित होने का अर्थ है मुक्त होना।

जिसने अपनी मुक्ति को बेच रखा है, वो विकसित कैसे हो जाएगा? वो सदा अविकसित ही रहेगा, वो सदा अधपका रहेगा। वो ऐसा सा रहेगा कि नीम के पेड़ को गमले में लगा दिया जाए। उसकी सम्भावना तो थी कि शानदार, विकसित पेड़ बनता, पर लगा दिया है उसे गमले में। तो वो जीवन भर कैसा रह जाएगा? बस इतनासा, ऐसा ही हमारा जीवन बीतेगा।

विकास को न पाने का मतलब है बौना होना, अपनी सम्भावना को न पहचान पाना।

-‘संवाद’ पर आधारित। स्पष्टता हेतु कुछ अंश प्रक्षिप्त हैं।

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This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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