कर्ण के कवच का रहस्य || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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कर्ण के कवच का रहस्य || नीम लड्डू

प्रेम कोमलता की बात है? नहीं, प्रेम के लिए तो लोहा चाहिए! “जो ज़रा मुलायम दिल के लोग होते हैं, प्रेम तो उनकी बात है।” – नहीं! जो ये कोमल और मुलायम होते हैं यह तो बचेंगे ही नहीं कहीं प्रेम में, एकदम नष्ट हो जाएँगे।

प्रेम उनके बूते की, उनके हिस्से की चीज़ है जो टूटत नहीं। अगर दुनिया को आपने प्रेम दिया तो पक्का है कि दुनिया की ओर से पलटवार आएगा-ही-आएगा। और सीधे छाती पर आएगा आपकी, बहुत मज़बूत होनी चाहिए।

कर्ण को कहा गया है ‘दानवीर’, और मुझे बड़ा रोचक लगता है कि कर्ण की छाती पर अभेद्य कवच था। हर आदमी जो दान कर रहा हो, उसकी छाती पर बड़ा कवच होना चाहिए। तुम हाथ से दोगे दुनिया दिल पर मारेगी। क्यों मारेगी? क्योंकि तुम्हारा हाथ तुम्हारे दिल के इशारे पर चल रहा है। यही तुम्हारा हाथ तुम्हारे स्वार्थ के इशारे पर चल रहा होता, अहंकार और वृत्तियों के कहने पर चल रहा होता, दुनिया उतना नहीं मारती।

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