डर और मुक्ति || आचार्य प्रशांत, मारिया रिल्के पर (2013)

Acharya Prashant

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प्रेम का अभाव ही डर है।

~ आचार्य प्रशांत

Perhaps everything that frightens us in its deepest essence is something helpless, that needs our love.

~ Rainer Maria Rilke

प्रसंग: - हमें डर कब और क्यों लगता है? - डर से मुक्ति कैसे संभव है? - डर क्या है? - डर का समाधान क्या है ? - क्या डर बाहरी है? - क्या डर एक सिर्फ कल्पना है? - क्या दो तरीके के डर होते हैं? - डर और डर के बीच क्या अंतर है?

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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