Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
Rashtriya Sahara3 जुलाई 2024
आचार्य प्रशांत बने दुनिया के सबसे ज़्यादा सुने जाने वाले आध्यात्मिक शिक्षक
राष्ट्र्रीय सहारा में प्रकाशित लेख में आचार्य प्रशांत को यूट्यूब के शीर्ष आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिनके 50 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं। आचार्य प्रशांत ने जलवायु परिवर्तन, पशु क्रूरता, महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर युवाओं का मार्गदर्शन किया है, साथ ही अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं से उन्हें प्रेरित किया है। उनके तर्कसंगत विचार और शिक्षाएं युवाओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो रही हैं।
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The PhiloxJune 30, 2024
Acharya Prashant's Views on Veganism and Meat-Eating Practices
Acharya Prashant advocates for veganism as a path to stop harm to living beings, promoting conscious living and compassion in dietary choices. Read more about his philosophy and teachings in this article by The Philox
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Garhwal PostJune 25, 2024
Acharya Prashant and Gauri Maulekhi join forces to combat Animal Cruelty & Climate Change
Acharya Prashant and Gauri Maulekhi highlighted the important connection between animal cruelty and climate change and emphasized the imperative of action and awareness. Read more about their insights and work in this article by the Garhwal Post.
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The CSR JournalJune 25, 2024
Acharya Prashant and Gauri Maulekhi Join Forces to Combat Animal Cruelty and Climate Change
In a powerful collaboration, Acharya Prashant and Gauri Maulekhi team up to address the critical issues of animal cruelty and climate change. Their joint advocacy emphasizes the urgent need for global awareness and actionable solutions to foster compassionate and sustainable practices. Read more about their impactful efforts in this CSR Journal feature.
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Enviro AnnotationsJune 24, 2024
Acharya Prashant and Gauri Maulekhi Unite to Tackle Animal Cruelty and Climate Change
Acharya Prashant and Gauri Maulekhi highlight the pressing connection between animal cruelty and climate change. Their advocacy calls for immediate action and promotes sustainable practices and ethical treatment of animals to address these intertwined issues. Discover their impactful message in this Enviro Annotations article.
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Dainik Bhaskar22 जून 2024
मांसाहार का जलवायु परिवर्तन से गहरा संबंध
आचार्य प्रशांत ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक लेख में मांस उपभोग और जलवायु परिवर्तन की समस्या के बीच संबंध को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि कैसे इन उत्पादों का उपभोग पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और वैश्विक तापमान में वृद्धि का कारण बनता है। उनकी शिक्षाएं हमें अधिक जागरूक और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
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Gujarat Samachaar22 जून 2024
કબીરને ઓળખવા માટે થોડાક કબીર જેવા હોવું પડે
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Lokdesh22 जून 2024
मांसाहार का जलवायु परिवर्तन से गहरा सम्बन्ध
लोकदेश में प्रकाशित एक लेख में आचार्य प्रशांत ने मांस और डेयरी उपभोग और जलवायु परिवर्तन की समस्या के बीच गहरे संबंध को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन उत्पादों का अत्यधिक उपभोग पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु संकट को बढ़ावा देता है। आचार्य प्रशांत ने इस विषय पर जागरूकता फैलाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
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Patrika22 जून 2024
तुम्हारा रोना स्वार्थ, कबीर का रोना करुणा की अभिव्यक्ति है
आचार्य प्रशांत ने पत्रिका में लिखी अपनी रचना में संत कबीर के जन्मदिन पर विचार करते हुए सवाल उठाया गया है कि क्या कबीर को भी दुःख होता है? क्या कबीर भी रोते हैं? अगर जग ही चुके हैं तो अब दुःख काहे का है? उन्होंने बताया कि कबीर वो हैं जो जग चुके हैं और जीवन मुक्त हैं।
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Dainik Jagran22 जून 2024
दुखिया दास कबीर है जागे और रोए
दैनिक जागरण में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने संत कबीर की जयंती पर उनके विचारों को समझाया है। क्या कबीर भी दुःखी होते हैं? उनके जीवन और उनके सिद्धांतों के माध्यम से उनकी अनुभूतियों का वर्णन किया गया है, जो उन्हें जगत से कैसे अलग करती है।