Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
दैनिक जागरण1 मई 2022
भयमुक्त जीवन का रहस्य
आचार्य प्रशांत की पुस्तक "निर्भय होय न कोय" भौतिक वस्तुओं की आसक्ति और भय को समझने का नया दृष्टिकोण देती है। दैनिक भास्कर के अनुसार, यह पुस्तक वेदांत के सार को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है और आत्मज्ञान के माध्यम से समस्याओं के समाधान की बात करती है।
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दैनिक जागरण30 अप्रैल 2022
संघर्ष से कभी भी हार नहीं माननी चाहिए : आचार्य प्रशांत
"आचार्य प्रशांत ने केसीसी कॉलेज में वेदांत महोत्सव के दौरान महाभारत से जीवन के संघर्ष का महत्वपूर्ण संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि इस महाकाव्य में संघर्ष की शुरुआत से अंत तक की कहानी है, जो हमें सिखाती है कि हालात चाहे कितने भी कठिन हों, हार नहीं माननी चाहिए। महाभारत के पात्रों के फैसले लेने के तरीकों से यह भी स्पष्ट होता है कि आत्मनिर्भरता और सही निर्णय लेना कितना आवश्यक है।
— जागरण"
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राष्ट्रीय सहारा24 फ़रवरी 2022
अर्जुनों को है श्रीकृष्ण की आवश्यकता
"अर्जुनों को है श्रीकृष्ण की आवश्यकता" शीर्षक से प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने अपनी नई पुस्तकों 'महाभारत' और 'अद्भुत गीता' का विमोचन किया। उन्होंने बताया कि महाभारत और श्रीकृष्ण की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और आधुनिक अर्जुनों को सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकती हैं। आचार्य प्रशांत ने इन पुस्तकों के माध्यम से गीता के गहन ज्ञान और महाभारत की गाथाओं को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर ढंग से समझ सकें।
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ऋषिकेश समाचार24 फ़रवरी 2022
भारत की समस्त दार्शनिक विचारधाराओं का स्त्रोत वेदांत: आचार्य प्रशांत
"ऋषिकेश समाचार" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने वेदांत को भारत की समस्त दार्शनिक विचारधाराओं का स्रोत बताया है। आचार्य प्रशांत द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने किया। आचार्य प्रशांत ने कहा कि वेदांत भारतीय ज्ञान परंपरा का सार है और इसने सदियों से जीवन के गहनतम प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया है। लेख में उनके विचारों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है, जो वेदांत की महत्वपूर्ण शिक्षाओं और उनके आधुनिक संदर्भ पर प्रकाश डालते हैं।
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उत्तराखंड क्षेत्रीय समाचार पत्र23 फ़रवरी 2022
युवा पीढ़ी ही समाज व राष्ट्र में बदलाव लाने में सक्षम
आचार्य प्रशांत ने कहा कि युवा पीढ़ी ही समाज और राष्ट्र में बदलाव लाने में सक्षम है। उन्होंने युवाओं को जागरूकता और सक्रियता के माध्यम से समाज सुधार के लिए प्रेरित किया। आचार्य ने युवाओं को जिम्मेदारी, और आत्म-ज्ञान की महत्वपूर्णता समझाते हुए कहा कि वे अपने प्रयासों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
-उत्तराखंड क्षेत्रीय समाचार पत्र
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The Times of IndiaJanuary 17, 2022
Micro review: 'Karma: Why Everything You Know About It Is Wrong' by Acharya Prashant
Delve into Acharya Prashant's insightful exploration in 'Karma: Why Everything You Know About It Is Wrong', where he challenges traditional beliefs and reinterprets the concept of Karma for modern times. Discover how this book offers a fresh perspective on actions, consequences, and personal growth, bridging ancient wisdom with contemporary insights.
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INext LIVE Dainik Jagran27 दिसंबर 2021
तीन दिवसीय अद्वैत महोत्सव का हुआ समापन
आचार्य प्रशांत ने हाल ही में "भारत आध्यात्म दर्शन राष्ट्र" पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि संगति का महत्व जीवन में अत्यधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी संस्था मानव चेतना को जागृत करने के लिए कार्यरत है और युवाओं को पढ़ाई की ओर आकर्षित करने हेतु "घर घर उपनिषद" कार्यक्रम शुरू कर रही है।
-INext LIVE Dainik Jagran
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India Inside26 दिसंबर 2021
युवा पीढ़ी ही समाज व राष्ट्र में बदलाव लाने में सक्षम : आचार्य प्रशांत
आईआईटी दिल्ली में आयोजित अचार्य प्रशांत के वेदान्त महोत्सव में, प्राचीन शास्त्रों और आधुनिक जीवन के बीच अद्वितीय संगम देखने को मिला। आत्मज्ञान की दिशा में यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। विस्तृत जानकारी के लिए India Inside का यह लेख पढ़ें।
-India Inside
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Fast News India26 दिसंबर 2021
युवा पीढ़ी ही समाज व राष्ट्र में बदलाव लाने में सक्षम : आचार्य प्रशांत
"आईआईटी दिल्ली में आयोजित अचार्य प्रशांत के वेदान्त महोत्सव ने प्राचीन शास्त्रों और आधुनिक जीवन के बीच अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। आत्मज्ञान की दिशा में यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इस आयोजन की विस्तृत जानकारी India Inside में पढ़ें।
-Fast News India
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दैनिक जागरण25 दिसंबर 2021
अद्वैत महोत्सव में उपनिषदों के ज्ञान से रूबरू हुए साधक
अद्वैत महोत्सव में तीन दिन के दौरान उपनिषदों और अद्वैत वेदांत पर विशेष प्रवचन हुए। जागरण के अनुसार, स्वामी जी ने साधकों को उपनिषदों की गूढ़ शिक्षाओं को सरलता से समझाया, जिससे आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद मिली। इस आयोजन में ध्यान, भजन, और विचार गोष्ठियों का भी समावेश था, जिससे प्रतिभागियों को आध्यात्मिक अनुभव मिला।