Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
दैनिक जागरण26 जून 2022
आध्यात्म की कोई उम्र नहीं होती: आचार्य प्रशांत
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में आयोजित वेदांत महोत्सव में आचार्य प्रशांत ने विभिन्न बिंदुओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि गीता का आज भी महत्व नहीं है और भागवत पुराण का अधिक महत्व है। अपने संबोधन में, आचार्य प्रशांत ने एक बालक के गलत रास्ता चुनने के उदाहरण से यह स्पष्ट किया कि सही मार्गदर्शन और आध्यात्मिक शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती। इस अवसर पर उन्होंने उपनिषद और गीता के संदेशों पर जोर दिया और लोगों से सच्चे ज्ञान और आध्यात्मिक जागरूकता को अपनाने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में लोगों को वेदांत के गहन दर्शन और उनके जीवन में महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया गया।
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SAMVAD EXPRESS26 जून 2022
अचार्य प्रशांत ने बताया समसामयिक अध्यात्म में वेदांत का महत्त्व
संवाद एक्सप्रेस - आचार्य प्रशांत ने वेदांत महोत्सव में युवाओं के मोबाइल और आधुनिक उपकरणों के दुष्परिणाम, महिला सशक्तिकरण और धर्म के नाम पर अंधविश्वास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कुरुक्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि गीता का संदेश आज भी प्रासंगिक है, लेकिन लोग भागवद पुराण की कहानियों में खो जाते हैं।
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राष्ट्रवादी26 जून 2022
वेदांत महोत्सव में अचार्य प्रशांत ने किया युवाओं को संबोधित
राष्ट्रवादी - आचार्य प्रशांत ने ग्रेटर नोएडा में हुए वेदांत महोत्सव में युवाओं को मोबाइल के दुष्प्रभाव, महिला सशक्तिकरण, समसामयिक अध्यात्म में वेदांत की भूमिका, और धर्म के नाम पर अंधविश्वास जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। प्रशांतअद्वैत संस्था, जिसे उन्होंने स्थापित किया है, हर महीने वेदांत महोत्सव का आयोजन करती है, जिसमें देश-विदेश से जिज्ञासु शामिल होते हैं।
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राष्ट्रीय सहारा26 जून 2022
अध्यात्मा, आस्था भक्ति योग व तत्वज्ञान के बिना अस्तित्वहीन हो जाएगा देश
आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, इस छवि में हम एक सकारात्मक और सशक्त मानसिकता की ओर बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। यह संदेश हमें अपने अंदर की शक्ति को पहचानने और जीवन के प्रत्येक क्षण को सार्थक बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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दैनिक भास्कर26 जून 2022
भारत पूरे विश्व में गुरु के रूप में प्रतिष्ठित
दैनिक भास्कर - आचार्य प्रशांत का संदेश: जीवन में सच्ची शांति की खोज में भौतिक चीजों का मोह त्यागना आवश्यक है। इस छवि में दिखाया गया एक सरल विचार हमें याद दिलाता है कि आंतरिक संतोष से बढ़कर कुछ नहीं।
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राष्ट्रीय हिन्दी मेल25 जून 2022
स्त्री और आधुनिकता
राष्ट्रीय हिंदी मेल - आचार्य प्रशांत ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर मिलना चाहिए। उनके विचारों से स्पष्ट होता है कि समाज में असली बदलाव तभी आएगा जब हम महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे।
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First India newsJune 18, 2022
What is Sanatan Dharma?
In the article published in the City First, Acharya Prashant, founder of the Prashant Advait Foundation, explains that understanding and following Vedanta is key to being a Sanatani. He clarifies common misconceptions about Sanatan Dharma, emphasizing that true religious assertion must align with Shruti Pramana and Vedanta. Rituals and customs alone do not define a Sanatani; a deep understanding of spiritual scriptures is essential.
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जन विचार प्रवाह15 जून 2022
सनातन धर्म को जानना जरूरी: आचार्य प्रशांत
"जन विचार प्रवाह" में प्रकाशित संपादकीय में आचार्य प्रशांत ने सनातन धर्म की गहरी समझ की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने बताया कि धार्मिकता का असली अर्थ बाहरी आडंबरों में नहीं, बल्कि इसकी आंतरिक गहराई में छिपा है। यह लेख धार्मिक शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ सनातन धर्म के सच्चे अर्थ को जानने और समझने की प्रेरणा देता है।
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जन विचार प्रवाह13 जून 2022
ज्ञान की पूरी श्रृंखला हैं वेद
"जन विचार प्रवाह" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने वेदों को ज्ञान की पूरी शृंखला के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने बताया कि वेद केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन की संपूर्णता को समझने के साधन हैं। वेदों में जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे विज्ञान, दर्शन, और आत्मज्ञान के बारे में विस्तृत ज्ञान समाहित है, जो आज भी प्रासंगिक है।
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राष्ट्रीय हिन्दी मेल10 जून 2022
हम खुद ही होते है अपने मित्र व शत्रु
"राष्ट्रीय हिन्दी मेल" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने आत्म-विश्लेषण की महत्ता पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि हम स्वयं ही अपने सबसे बड़े मित्र और शत्रु होते हैं, और हमारी आंतरिक सोच और दृष्टिकोण हमारे जीवन के परिणामों को निर्धारित करते हैं। यह लेख आत्म-जागरूकता और आत्म-विकास के महत्व पर जोर देता है।