Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
The Lallantop27 अगस्त 2022
गेस्ट इन द न्यूजरूम: आचार्य प्रशांत ने बताया IIT और IIM से पढ़ने के बाद अध्यात्म ही क्यों चुना?
आचार्य प्रशांत ने "लल्लनटॉप" के न्यूज़ रूम में एक विशेष बातचीत में अपनी अद्वितीय दृष्टि साझा की। इस सत्र में उन्होंने आत्म-जागरूकता, विज्ञान, और जीवन के गहरे रहस्यों पर चर्चा की। उनके विचारों ने दर्शकों को नई सोच और प्रेरणा प्रदान की। इस सत्र में उनकी ज्ञानवर्धक अंतर्दृष्टि से भरपूर संवाद ने सभी को प्रभावित किया।
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shikshaAugust 26, 2022
IIT Delhi celebrates Vedanta Mahotsav
Siksha: At the Vedanta Mahotsav at IIT Delhi, Acharya Prashant explored the convergence of science and self-awareness. Covered by The Hans India, the event showcased his deep insights into Vedantic wisdom, providing attendees with clarity and spiritual understanding.
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दैनिक भास्कर22 अगस्त 2022
खतरनाक साबित हो सकता है दूध पीना
दैनिक भास्कर - आचार्य प्रशांत के अनुसार, शाकाहार केवल एक आहार प्रणाली नहीं, बल्कि एक विचारधारा है जो जीवन के प्रति संवेदनशीलता और करुणा को प्रोत्साहित करती है। दैनिक भास्कर के इस लेख में वे सिखाते हैं कि शाकाहार अपनाकर हम न केवल अपने स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, बल्कि पर्यावरण और पशु कल्याण में भी योगदान दे सकते हैं।
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जागरण11 अगस्त 2022
इस साल इस तरह मनाएं जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से होगा सब अच्छा
जागरण - आचार्य प्रशांत के अनुसार, जन्माष्टमी को श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने के बजाय, इसे आत्म-निरीक्षण का अवसर माना जाना चाहिए। वे बताते हैं कि श्री कृष्ण का सन्देश जन्म और मृत्यु की सीमाओं से परे है। इस दिन, हमें अपने बंधनों से मुक्त होकर ठहरना चाहिए और अपनी आंतरिक शक्ति की ओर देखना चाहिए, जो कि स्वयं कृष्ण का रूप है। आचार्य प्रशांत युवा पीढ़ी को अध्यात्म की सही राह दिखाते हैं।
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राष्ट्रीय हिन्दी मेल3 अगस्त 2022
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने के 5 तरीके
राष्ट्रीय हिन्दी मेल - आचार्य प्रशांत के अनुसार, जन्माष्टमी को श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में न मनाएं। श्रीकृष्ण का संदेश है कि जन्म-मृत्यु का कोई अस्तित्व नहीं है। इस अवसर पर, अपने भीतर देखें और आत्म-जागरूकता की ओर कदम बढ़ाएं। हर पर्व आपको बदलने और जीने का अवसर देता है। कृष्ण को न झुलाएं, बल्कि अपनी वास्तविकता का सामना करें।
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राष्ट्रीय सहारा1 अगस्त 2022
अतीत के बारे में सोचना ही तनाव का मुख्य कारण
राष्ट्रीय सहारा - आचार्य प्रशांत ने "डिप्रेशन से बिना दवा के कैसे निपटें" विषय पर एक लेख में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। The Health Site द्वारा प्रस्तुत इस लेख में, वे अवसाद के समाधान के लिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण और सकारात्मक सोच पर जोर देते हैं। आचार्य प्रशांत का मानना है कि आंतरिक शांति और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देने से जीवन में संतुलन लाया जा सकता है।
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दैनिक भास्कर1 अगस्त 2022
अतीत के बारे में सोचना ही तनाव का मुख्य कारण
दैनिक भास्कर - आचार्य प्रशांत के अनुसार, असली संतोष अपने अंदर खोजें। संतोष जीवन का अनमोल धन है, और इसे बाहरी दुनिया से नहीं, बल्कि आत्मा की गहराइयों से प्राप्त किया जा सकता है। The Health Site के इस लेख में आचार्य प्रशांत के विचारों के माध्यम से संतोष पाने के उपायों पर प्रकाश डाला गया है।
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The PioneerJuly 31, 2022
The Science Behind Spirituality
Delve into Acharya Prashant's profound views on the intersection of science and spirituality, as covered by The Pioneer. He emphasizes the logical foundation of true spirituality, contrasting it with prevalent superstitions in today's spiritual market. Acharya Prashant's teachings highlight the importance of honesty and clarity in understanding both oneself and the world, advocating for a scientific approach that transcends mere materialism.
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The HinduJuly 28, 2022
Ananda: Happiness Without Reason by Acharya Prashant (Harper Collins)
As published in the The Hindu, In "Ananda: Happiness Without Reason," Acharya Prashant explores the true essence of happiness, challenging common misconceptions and emphasizing that real happiness transcends material pursuits and conditional states of mind. The book aims to dispel the fuzzy, impractical notions about happiness and promotes a deeper understanding through intelligent spirituality. Acharya Prashant's work offers a transformative perspective on achieving lasting contentment and joy.
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THE TIMES OF INDIAJuly 18, 2022
Ananda by Acharya Prashant
"Ananda" by Acharya Prashant, published by HarperCollins, explores the profound nature of laughter and tears, emphasizing their roots in spiritual detachment and deeper truths beyond personal desires. Featured in The Times of India.