Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
अमर उजाला30 सितंबर 2022
जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए निडरता जरुरी : आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत ने अमर उजाला में कहा कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए निडरता जरूरी है। उन्होंने बताया कि डर के अनुभव से गुजरने पर ही हम अपने वास्तविक सामर्थ्य को पहचान पाते हैं। आचार्य प्रशांत ने निडर जीवन पर आयोजित कार्यशाला में यह भी समझाया कि डर को पहचानना और उसका सामना करना महत्वपूर्ण है। डर से बचने के बजाय उसका सामना करने से ही हम जीवन में सच्ची प्रगति कर सकते हैं।
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हिन्दुस्तान28 सितंबर 2022
डर को छोड़ जीवन में आगे बढ़ें: आचार्य प्रशांत
हिन्दुस्तान - आचार्य प्रशांत ने 'निडर जीवन' पर कार्यशाला में बताया कि जीवन एक जंग है, जिसमें कोई भी अछूता नहीं। सही कार्य में खुद को झोंकने से ही डर को पार किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से बातचीत में कहा कि डर केवल एक विचार है, न कि कोई वास्तविकता, और इसे समझना जरूरी है।
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दैनिक भास्कर25 सितंबर 2022
मांसाहार से बढ़ रहा है पृथ्वी का असंतुलन: आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत ने "दैनिक भास्कर" में बताया कि मांसाहार से पृथ्वी पर असंतुलन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मांसाहार न केवल पशुओं के प्रति क्रूरता है, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। आचार्य प्रशांत ने समझाया कि शाकाहार अपनाने से हम न केवल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं, बल्कि पृथ्वी की रक्षा भी कर सकते हैं।
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The Hans IndiaSeptember 25, 2022
Busting Myths About Spirituality
The Hans India: Acharya Prashant provides profound insights into spirituality, positive thinking, karma, and meditation in a thought-provoking article. His perspectives challenge conventional beliefs, offering a fresh approach to spiritual understanding and personal growth.
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दैनिक जागरण मध्यप्रदेश21 सितंबर 2022
अपनी कहानी खुद लिखने का संकल्प
आचार्य प्रशांत ने "जागरण" में कहा कि अपनी कहानी खुद लिखने का संकल्प लेना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जीवन की दिशा हमें खुद निर्धारित करनी चाहिए, न कि परिस्थितियों पर निर्भर रहना चाहिए। आचार्य प्रशांत ने जोर दिया कि आत्म-ज्ञान और सत्य की राह पर चलकर ही हम अपने जीवन की वास्तविक कहानी लिख सकते हैं।
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अमर उजाला14 सितंबर 2022
निर्णय गढ़ेंगे सफलता की कहानी
आचार्य प्रशांत ने "अमर उजाला" में कहा कि हमारे निर्णय हमारी सफलता की कहानी गढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि सही निर्णय लेना ही सच्ची सफलता की कुंजी है। आचार्य प्रशांत ने जोर दिया कि निर्णय लेते समय हमें अपने आंतरिक सत्य और वास्तविक उद्देश्य को ध्यान में रखना चाहिए। सही निर्णय वही है जो हमें आत्मज्ञान और आंतरिक शांति की ओर ले जाए, न कि केवल बाहरी उपलब्धियों की ओर। लेख में उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए सही निर्णय लेने के महत्व पर प्रकाश डाला।
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रॉयल बुलेटिन10 सितंबर 2022
वेदांत से परिचित हुए बिना उसके मर्म को जानना मुश्किल- आचार्य प्रशांत
रॉयल बुलेटिन - आचार्य प्रशांत के अनुसार, भागवत पुराण 18 पुराणों में सबसे प्रचलित और सम्मानित है, जिसमें वेदों और उपनिषदों के गूढ़ सिद्धांतों को सरल कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में आचार्य प्रशांत ने भागवत पुराण की चुनिंदा कथाओं की वेदांत-सम्मत व्याख्या की है, जो पाठकों को पौराणिक कहानियों के गूढ़ अर्थों से परिचित कराती है। यह व्याख्या आध्यात्मिकता के निरंतर पतन के बीच एक नायाब आध्यात्मिक क्रांति की दिशा में एक कदम है।
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राष्ट्रीय हिन्दी मेल9 सितंबर 2022
वेदांत से परिचित हुए बिना पौराणिक कथाओं का सही अर्थ कर पाना आज के युवाओं के लिए असंभव
राष्ट्रीय हिन्दी मेल - आचार्य प्रशांत, प्रख्यात लेखक और वेदान्त मर्मज्ञ, ने भागवत पुराण की गूढ़ कथाओं की वेदांत-सम्मत व्याख्या प्रस्तुत की है। इस पुस्तक में श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं और अन्य कथाओं के माध्यम से वेदों और उपनिषदों के गूढ़ सिद्धांतों को सरलता से समझाने का प्रयास किया गया है। आचार्य प्रशांत का मानना है कि पौराणिक कथाओं का सही अर्थ जानने के लिए वेदांत का ज्ञान आवश्यक है, जिससे युवा पीढ़ी को वास्तविकता और अर्थों का ज्ञान हो सके।
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अमर उजाला9 सितंबर 2022
हार हो जाए कोई बात नहीं, हौसला नहीं टूटना चाहिए!
आचार्य प्रशांत ने "अमर उजाला" में बताया कि सच्चा प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। उन्होंने कहा कि किसी भी चुनौती का सामना करते समय ईमानदारी और पूर्ण समर्पण से कार्य करना ही महत्वपूर्ण है। चाहे परिणाम हार हो या जीत, यह मायने नहीं रखता, बल्कि मायने रखता है उस प्रक्रिया में आपकी ईमानदारी और निष्ठा। आचार्य प्रशांत ने सिखाया कि बाहरी परिणामों पर ध्यान देने के बजाय, अपने आंतरिक सत्य के साथ जुड़कर कर्म करना ही सच्ची सफलता है।
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राष्ट्रीय हिन्दी मेल9 सितंबर 2022
वेदांत से परिचित हुए बिना पौराणिक कथाओं का सही अर्थ कर पाना आज के युवाओं के लिए असंभव
आचार्य प्रशांत, प्रख्यात लेखक और वेदान्त मर्मज्ञ, ने भागवत पुराण की गूढ़ कथाओं की वेदांत-सम्मत व्याख्या प्रस्तुत की है। इस पुस्तक में श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं और अन्य कथाओं के माध्यम से वेदों और उपनिषदों के गूढ़ सिद्धांतों को सरलता से समझाने का प्रयास किया गया है। आचार्य प्रशांत का मानना है कि पौराणिक कथाओं का सही अर्थ जानने के लिए वेदांत का ज्ञान आवश्यक है, जिससे युवा पीढ़ी को वास्तविकता और अर्थों का ज्ञान हो सके।