Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
लोकदेश31 अक्तूबर 2022
ग्लोबल वॉर्मिंग: हम बढ़ रहे हैं विनाश की ओर
"दैनिक लोकदेश" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने ग्लोबल वार्मिंग के खतरों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि हम लगातार विनाश की ओर बढ़ रहे हैं और इसे रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण मिल सके।
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लोकदेश29 अक्तूबर 2022
लिखनी है नई कहानी?
"दैनिक लोकदेश" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने नई कहानी लिखने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि बदलाव लाने के लिए जागरूक होना जरूरी है और हमें अपने पुराने विचारों और प्रथाओं को बदलने की हिम्मत करनी चाहिए। आचार्य प्रशांत ने बताया कि अगर हम बड़े बदलाव की चाह रखते हैं, तो हमें खुद को और समाज को बदलने के लिए आगे आना होगा और नए दृष्टिकोण अपनाने होंगे।
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लोकदेश29 अक्तूबर 2022
जहाँ गोवर्धन है, वहीं कृष्ण हैं
"दैनिक लोकदेश" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा है कि जहाँ गोवर्धन है, वहाँ श्रीकृष्ण हैं। उन्होंने गोवर्धन पर्वत की महिमा और उसके आध्यात्मिक महत्व को समझाया है। आचार्य प्रशांत ने बताया कि जब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर सबकी सुरक्षा की, तब से यह घटना उनके अद्वितीय प्रेम और संरक्षण का प्रतीक बन गई। लेख में आचार्य ने श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं को समकालीन संदर्भ में अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिससे हम सभी को प्रेरणा मिल सकती है।
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उड़ान (अमर उजाला)19 अक्तूबर 2022
लक्ष्य है अडिग तो सफलता सुनिश्चित
"अमर उजाला" में आचार्य प्रशांत के लेख में बताया गया है कि अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट और अडिग है, तो सफलता सुनिश्चित है। आचार्य प्रशांत ने इस पर बल दिया कि जीवन में सच्ची सफलता वही है, जो आत्म-बोध और आत्म-साक्षात्कार से प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि बाहरी दुनिया की उपाधियों और उपलब्धियों से परे, अपने अंदर के सत्य को जानना और उसके अनुसार जीवन जीना ही असली सफलता है।
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नॉएडा व्यूज6 अक्तूबर 2022
मांसाहार से बढ़ रहा है पृथ्वी पर असन्तुलन: आचार्य प्रशान्त
नॉएडा व्यूज - आचार्य प्रशांत के इस लेख में मन की स्थिति और आंतरिक विकास पर गहरा विमर्श किया गया है। उन्होंने उपनिषदों और वेदांत के महत्व को उजागर करते हुए बताया कि वर्तमान में लोग सतही बातों में उलझे हुए हैं, जबकि वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आचार्य प्रशांत का यह संदेश है कि आंतरिक विकास के लिए ज्ञान की गहराई में जाना आवश्यक है।
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अमर उजाला5 अक्तूबर 2022
किसी लक्ष्य पर चल नहीं पाते
"अमर उजाला" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया कि लोग किसी लक्ष्य पर इसलिए नहीं चल पाते क्योंकि उनकी लक्ष्य-निर्धारण प्रक्रिया ही गलत होती है। उन्होंने कहा कि जब तक व्यक्ति आत्मबोध और स्व-अवलोकन के माध्यम से अपने सच्चे उद्देश्यों को नहीं समझता, तब तक उसे अपने लक्ष्यों में सफलता नहीं मिल सकती। आचार्य प्रशांत ने सही दिशा में समर्पित और संकल्पित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे व्यक्ति अपने वास्तविक लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
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Financial ExpressOctober 5, 2022
Yoga: The best way to attain peace of mind
FE Leisure: Acharya Prashant emphasizes that real yoga addresses the mind, not just the body, focusing on uniting the fragmented mind for true mental well-being. He argues that the widespread belief in yoga as primarily physical is the biggest obstacle to its true practice.
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जागरण3 अक्तूबर 2022
क्यों जरूरी हैं जीवन में राम
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Xpert TimesOctober 3, 2022
Tips to handle stress at workplace
xpert times: Explore Acharya Prashant's practical advice for managing workplace stress and finding deeper purpose in daily life, featured exclusively in a compelling article. His insights offer actionable strategies to enhance resilience and fulfillment in both professional and personal realms.
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Hindustan TimesOctober 2, 2022
Tips to handle stress at workplace
Hindustan Times Exclusive: Acharya Prashant discusses strategies for managing workplace stress and finding deeper meaning in daily life. He emphasizes identifying stressors and dedicating oneself to meaningful pursuits to reduce worry and anxiety, offering practical insights for resilience and personal growth.