इस नश्वर संसार में हम जीवनभर किसी ऐसे की तलाश में रहते हैं जो कभी न बदले, लेकिन अक्सर हम माया के खेल में फँसकर धोखा खा जाते हैं। क्या संसार में रहते हुए भी किसी ऐसे की शरण ली जा सकती है जो अपरिवर्तनीय हो?
श्वेताश्वतर ऋषि हमें एक निडर और शांतिपूर्ण जीवन जीने का मार्ग दिखा रहे हैं जो बाहरी परिस्थितियों से अस्पर्शित रहे। आचार्य प्रशांत संग इस सरल वीडियो कोर्स के माध्यम से एक तनावमुक्त जीवन जीने के सूत्र समझें।
आचार्य प्रशांत का यह कोर्स श्वेताश्वतर उपनिषद् के अध्याय 6 के उन्नीसवें श्लोक पर आधारित है। साथ ही श्लोक से जुड़े प्रश्नों पर भी खुलकर चर्चा की गयी है।
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