हम अपने जीवन में विचार को बहुत महत्व देते हैं; निर्णय लेने में, एक उपकरण की तरह इस्तेमाल करते हैं। हम पूरा ज़ोर लगाते हैं विचार करके जीवन में निरंतर सामने खड़ी समस्याओं का समाधान खोजने का, पर हर बार सफल नहीं हो पाते। क्यों विचार हर परिस्थिति में हमारी सहायता नहीं कर पाता? क्या विचारक बिना खुद को बदले विचार से समाधान प्राप्त कर सकता है? क्या आप विचार की उच्चतम बिंदु से परिचित हैं? किस बिंदु पर अधिक विचार करकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता?
ऐसे ही असामान्य पर अतिउपयोगी सवालों के जवाब इस कोर्स में सरलता से आचार्य प्रशांत द्वारा विस्तार में दिए गए हैं। जीवन के कई अन्य लाभप्रध सूत्र भी व्याख्या में शामिल हैं।
आचार्य प्रशांत का यह सरल कोर्स "विचार का सही उपयोग कैसे करें?" श्वेताश्वेतर उपनिषद् के अध्याय 6 के चौथे और पांचवे श्लोक पर आधारित है। साथ ही इस श्लोक से जुड़े प्रश्नों पर भी खुलकर चर्चा की गयी है।
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