हमारी सारी समस्याएँ हमारे मन से ही सम्बन्धित होती हैं। चाहे वह समस्याएँ हमारे मन के भ्रम हों चाहे वह समस्याएँ हमारे रिश्तों से सम्बंधित हों। अध्यात्म जीवन व मन को स्पष्टता से देखने का सूत्र है। स्वयं को जानना एवं अपने मन को समझना ही अध्यात्म है।
आध्यात्मिकता का अर्थ है — संसार व सांसारिक चीज़ों का उचित मूल्यांकन। संसारी वह जो संसार को अपने सिर पर ढोए। चूँकि संसार और संसार की प्रत्येक वस्तु नश्वर व परिवर्तनशील है, अतः संसारी हमेशा डर व सन्देह में जीता है। अध्यात्म इस डर और संदेह पर विजय है।
अध्यात्म वह रौशनी है जिससे हमें संसार की वास्तविकता स्पष्ट दिखाई देती है। अध्यात्म हमें वह शक्ति देती है जिससे हम अपनी समस्याओं व परेशानियों को उसके मूल में देख सकते हैं।
आचार्य जी का यह सरल वीडियो कोर्स "आध्यात्मिक जीवन के सूत्र" आपमें अध्यात्म के प्रति स्पष्टता लाने के लिए ही तैयार किया गया है।
यह कोर्स श्वेताश्वेतर उपनिषद् के अध्याय 5 के कुछ श्लोकों पर आधारित है। साथ ही उन श्लोकों से जुड़े प्रश्नों पर भी खुलकर चर्चा की गयी है।
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