आज सनातन धर्म का घोर अपमान हो रहा है क्योंकि आज का हिन्दू कर्मकांड और अन्धविश्वास में पूरी तरह लिप्त है। न तो उसे उपनिषदों का ज्ञान है और न ही किसी भी दर्शन से परिचय। आँखे कर्म के आलावा कुछ देख नहीं सकतीं। ज्यों ही धर्म की बात आती है, आम जनमानस क्रियाओं से संलग्न हो जाता है। नतीजा, एक अधार्मिक पीढ़ी तैयार होती जा रही है, स्वयं का नाश करते हुए।
आचार्य प्रशांत के माध्यम से सनातन धर्म के केन्द्रीय सूत्र इस कोर्स के माध्यम से समझाए गए हैं। इस कोर्स में वेदांत के महत्व से लेकर ग्रन्थों की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला है।
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