अध्यात्म जीवन का कोई क्षेत्र नहीं होता है। अध्यात्म जीवन के सभी क्षेत्रों के केंद्र में मौजूद है। जहाँ अध्यात्मिक मूल्य नहीं, वहाँ जीवन नीरस होता है। अध्यात्मिक मूल्य ही व्यक्ति को मनुष्य बनाते हैं अन्यथा एक आदमी जंगल से आये हुए जानवर के समान है।
अध्यात्मिक रूप से गृहस्थ जीवन जीने की कला को इस कोर्स के माध्यम से आचार्य प्रशांत द्वारा सरल भाषा में समझाया गया है।
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