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रोटी कपड़ा मकान, जीवन पूरा!

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पंचतंत्र की मुख्य कहानियों पर आधारित
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2 घंटे 42 मिनट
हिन्दी
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परिचय
लाभ
संरचना

जब कोई मूर्खता करता है तो बोलते हैं, " तुम्हारी बुद्धि घास चरने गई थी क्या?" घास चरना मतलब दिनभर पेट के इंतजाम के बारे में सोचते रहना। और आश्चर्य की बात ये है की हम पूरा जीवन बस पेट के इंतजाम में ही बिता देते हैं तो क्या इससे आशय ये हैं की क्या हमारी बुद्धि हमेशा घास ही चरेगी? क्या हम ऐसे ही मूर्ख बनते रहेंगे?

खुद को बुद्धिमान कह सकें इसलिए यह देखना आवश्यक है की बुद्धि जा किस ओर रही है। आपको क्या चाहिए हरी हरी घास या फिर बुद्धि का विकास? चुनाव आपके पास हमेशा उपलब्ध है।

आचार्य प्रशांत संग हम जानेंगे पंचतंत्र कहानियों के अर्थ इस सरल से कोर्स में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

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