विवरण
श्रीकृष्ण गीता में आपसे एक बात कह रहे हैं, वो बात तब भी उपयोगी थी, आज भी उपयोगी है, सदा उपयोगी रहेगी, समयातीत बात है।
लेकिन हमें लगने लग जाता है कि उस समय का जो कुछ था, वो भी समयातीत ही होगा। तो उस समय की जो परिस्थितियाँ थीं, हम उन्हें भी दोहरा देना चाहते हैं। अब श्रीकृष्ण तो रथ पर चलते थे, आप रथ पर चलने लग जाओगे सड़क पर? और मुकुट पहनोगे? और धनुष-बाण लेकर चलोगे?
जब अर्जुन उस अर्जुन जैसा नहीं रहा, तो क्या कृष्ण वैसे ही होंगे जैसे उस समय थे?
गीता नहीं बदलेगी। अर्जुन भी बदलेंगे, कृष्ण भी बदलेंगे; कृष्णत्व नहीं बदलेगा।