विवरण
पैसा खूब कमाना धर्म हो सकता है और कभी महा-अधर्म भी हो सकता है, निर्भर इस पर करता है कि आपका मन पैसे का उपयोग क्या करेगा। पैसा न अच्छा है न बुरा है - आज़ादी अच्छी है। तो आज़ादी के लिए जितना पैसा चाहिए ज़रूर अर्जित करो, उससे ज़्यादा करोगे तो वही पैसा बंधन बन जाएगा।
जानें "पैसा कितना और क्यों?" आचार्य प्रशांत के साथ इस उपयोगी किताब में।