AP Books
मोटिवेशन

मोटिवेशन

उत्साह दिल से!
5/5
3 Ratings
ई-पुस्तक
तत्काल उपलब्ध
सुझायी सहयोग राशि
₹21
₹220
पेपरबैक
स्टॉक उपलब्ध
43% छूट
₹159
₹280
ई-पुस्तक ले चुके हैं?
लॉगिन करें

पुस्तक का विवरण

भाषा
hindi
प्रिंट की लम्बाई
148

विवरण

'मोटिवेशन'
उत्साह दिल से!


मोटिवेशन का ऊँचे-से-ऊँचा ग्रंथ आज तक कौनसा हुआ है? श्रीमद्भगवद्गीता। अर्जुन के सामने एक स्थिति है और वो भीतर से कमज़ोर अनुभव कर रहा है, उसे कोई उत्साह नहीं आ रहा, तब कृष्ण उसको समझाते हैं—ये असली मोटिवेशन है।

कृष्ण उसको नहीं कहते कि, "चल, जल्दी लड़ जब तक तू जीत न जाए!" इस तरह का कोई श्लोक है क्या गीता में? कृष्ण अर्जुन को क्या याद दिलाते हैं? कृष्ण अर्जुन को धर्म याद दिलाते हैं।

तुम्हें मोटिवेशन की नहीं क्लैरिटी की, स्पष्टता की, ज्ञान की ज़रूरत होती है। गीता तुम्हें क्या देती है? ज्ञान देती है। उत्साह थोड़े ही बढ़ाती है कि वीर तुम बढ़े चलो!

सही लक्ष्य तुम्हारा उत्साहवर्धन करके नहीं पाया जाता, तुम्हारा ज्ञानवर्धन करके पाया जाता है। अर्जुन का एक बार भी उत्साहवर्धन नहीं करते कृष्ण, ज्ञानवर्धन करते हैं।

जानें मोटिवेशन से जुड़े सभी सवालों के अर्थ आचार्य प्रशांत की इस आसान पुस्तक के माध्यम से।

अनुक्रमणिका

1. मोटिवेशनः बेहोश दौड़ने का सस्ता नशा 2. 'मोटिवेशन' और 'पॉजिटिव थिंकिंग' — पूरी बात 3. भीतर फ़ौलाद चाहिए? 4. यहाँ जीत-हार मायने नहीं रखती 5. हार मंज़ूर है, हौसले का टूटना नहीं 6. वो तुम्हें शर्मिंदा करके तुम्हें तोड़ते हैं
View all chapters
अभी पाएँ:
₹159
43% छूट
₹280
स्टॉक उपलब्ध
मुफ़्त डिलीवरी
मात्रा:
1
पुस्तक को साझा करें
क्या आपको आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं से लाभ हुआ है? आपके योगदान से ही यह मिशन आगे बढ़ेगा।
Reader Reviews
5/5
3 Ratings
5 stars 100%
4 stars 0%
3 stars 0%
2 stars 0%
1 stars 0%