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हीरा जनम अमोल है

हीरा जनम अमोल है

आत्मस्थ जीवन की ओर
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पुस्तक का विवरण

भाषा
hindi
प्रिंट की लम्बाई
84

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आज से पचास-साठ साल पहले एक मानसिक रोगी को जितनी एंग्ज़ायटी (उत्कंठा) महसूस होती थी, उतनी आज एक सामान्य युवा को महसूस होती है।

मूल कारण क्या हैं?

दो मुख्य कारण हैं:
1. कृत्रिम उपभोक्तावाद
2. बोध का पतन।

हर चीज़ की माँग हमारे मन में तैयार की जा रही है। हर चीज़ हम पा नहीं सकते, तो हम बहुत-बहुत निराश हो जाते हैं। वही निराशा फिर, एंग्ज़ायटी और डिप्रेशन के तौर पर सामने आती है। वही डिप्रेशन फिर आत्महत्या जैसे क़दमों की ओर बढ़ावा देता है।

आचार्य प्रशांत जी द्वारा किये गए ये संवाद हमें इन मुख्य कारणों को गहराई से समझने और एक स्वस्थ जीवन जीने की ओर अग्रसर करते हैं।

अनुक्रमणिका

1. डिप्रेशन या अवसाद का कारण 2. जब असफलता से आत्महत्या का विचार आए 3. आत्मा को प्रकट न होने देना आत्महत्या है 4. आत्महत्या क्या? शांति कैसे मिले? 5. तुम्हारे भीतर जो चेतना बैठी है, उसकी क्या क़ीमत है? 6. जीवन को गम्भीरता से कैसे ले सकते हो?
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