AP Books
वेदांत के राम [नवीन प्रकाशन]

वेदांत के राम [नवीन प्रकाशन]

राम निरंजन न्यारा रे
4.7/5
4 Ratings
ई-पुस्तक
तत्काल उपलब्ध
सुझायी सहयोग राशि
₹21
₹150
ई-पुस्तक ले चुके हैं?
लॉगिन करें

पुस्तक का विवरण

भाषा
hindi

विवरण

मुक्तिका उपनिषद् में हनुमान जी श्रीराम से पूछते हैं 'आपका वास्तविक स्वरूप क्या है?' तब श्रीराम उत्तर देते हैं, 'मैं वेदान्त में वास करता हूँ। संतों ने हमें बताया है कि चार राम हैं —
एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में बैठा।
एक राम का सकल पसारा, एक राम त्रिभुवन से न्यारा॥
ज़्यादातर लोग पहले राम, दो देहधारी राम हैं, उनसे आगे निकल ही नहीं पाते। आचार्य प्रशांत इस पुस्तक के माध्यम से हमें वास्तविक राम से परिचित करवा रहे हैं जो इस संसार से न्यारे हैं।

अनुक्रमणिका

1. जो लोग प्राण प्रतिष्ठा में नहीं पहुँचे, वो दुखी न हों 2. लोगन राम खिलौना जाना
सुझायी सहयोग राशि
₹21
₹150
छात्रवृत्ति का अनुरोध करें
पुस्तक को साझा करें
क्या आपको आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं से लाभ हुआ है? आपके योगदान से ही यह मिशन आगे बढ़ेगा।
Reader Reviews
4.7/5
4 Ratings
5 stars 75%
4 stars 25%
3 stars 0%
2 stars 0%
1 stars 0%