AP Books
सनातन धर्म [नवीन प्रकाशन]

सनातन धर्म [नवीन प्रकाशन]

धर्म और अध्यात्म
5/5
3 Ratings
ई-पुस्तक
तत्काल उपलब्ध
सुझायी सहयोग राशि
₹21
₹150
पेपरबैक
स्टॉक ख़त्म
ई-पुस्तक ले चुके हैं?
लॉगिन करें

पुस्तक का विवरण

भाषा
hindi
प्रिंट की लम्बाई
224

विवरण

सनातन माने वो जो नित्य है, जो काल की सीमाओं से बाहर है।

न कोई परम्परा सनातन है, न कोई संस्कृति और न ही कोई सम्प्रदाय। जो कुछ समय की देन है, जो भी कुछ जगत का है, वह सनातन नहीं हो सकता।

पर मनुष्य की चेतना कल भी बेचैन थी, आज भी बेचैन है। शांति की तलाश उसे कल भी थी, आज भी है।

मन को शांति चाहिए, यह माँग ही सनातन है और उसे शांति की ओर ले जाना ही सनातन धर्म है। इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं है सनातन।

शाश्वत सत्य ही सनातन है और उसकी तलाश ही सनातन धर्म है।

आपको सनातन धर्म की वास्तविकता पता चले और आप इस विषय में भ्रम में न रह जाएँ, इसी उद्देश्य से आचार्य प्रशांत की यह पुस्तक आपके समक्ष है।

अनुक्रमणिका

1. सनातन धर्म की सच्चाई जानिए 2. वेदान्त ही सनातन धर्म है 3. सनातन धर्म के सामने सबसे बड़ा ख़तरा क्या? 4. किसी इंसान ने ही लिखे होंगे उपनिषद्, हमें नहीं पढ़ना 5. मूर्तिपूजा का रहस्य 6. मूर्तियों और मिथकों को मानें कि नहीं?
View all chapters
यह पुस्तक अभी उपलब्ध नहीं हैं। कृपया कुछ दिनों बाद फिर प्रयास करें।
पुस्तक को साझा करें
क्या आपको आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं से लाभ हुआ है? आपके योगदान से ही यह मिशन आगे बढ़ेगा।
Reader Reviews
5/5
3 Ratings
5 stars 100%
4 stars 0%
3 stars 0%
2 stars 0%
1 stars 0%