अर्जुन को भीतरी पीड़ा इस वक्त खाए जा रही है। श्रीकृष्ण का बोलना कि समबुद्धि को प्राप्त किया जा सकता है, अर्जुन के भीतर जोश और उत्साह भरता है और वह आशा भरी आंखों से श्रीकृष्ण से प्रश्न पूछते हैं कि:
कैसा होता है स्थितप्रज्ञ हो जाना? स्थितप्रज्ञ व्यक्ति के लक्षण क्या है? स्थितबुद्धि व्यक्ति कहांँ विचरण करता है? कैसे बात करता है?
अब साधारण सी बात है कि अर्जुन के प्रश्न है तो सदा सतही होंगे, सतही न होते तो प्रश्न न होते। श्रीकृष्ण वह नहीं है जो सतही प्रश्नों का सतही उत्तर दें। वह तो आपको आपके प्रश्नों से भी पार ले जाएंगे।
इस कोर्स में हम आचार्य प्रशांत संग जानेंगे की श्रीकृष्ण ने अर्जुन के प्रश्नों का कैसे समाधान किया।
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